
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है. 15 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है. पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार अभी तक घोषित नहीं किया है. बात करें चुनावी रणनीति की तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को अच्छी टक्कर दे रही हैं. लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस को मध्य प्रदेश में हार्दिक, जिग्नेश और अल्पेश ठकोर की तरह स्थानीय जातिगत समीकरणों को साधने वाले नेता नहीं मिले हैं. वहीं एससी/एसटी वोट को काफी हद तक प्रभावित कर सकने वाली मायावती ने भी कांग्रेस का हाथ झिटक दिया है. बीएसपी के साथ गठबंधन की स्थिति में इसका सीधा फायदा कांग्रेस को ही मिलता. दूसरी ओर से एससी/एसटी संसोधन एक्ट के बाद अगड़ी जातियों के गुस्से को भी कांग्रेस खुलकर भुना नहीं पा रही है. लेकिन इतना जरूर है कि शिवराज सिंह चौहान को इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के ऊपर चली गोलियों का जवाब सरकार को देना भारी पड़ रहा है. कांग्रेस के लिए जरूरी है कि वह किसान, शिक्षा, बेरोजगारी और घोटालों को ही अपना मुद्दा बनाए. लेकिन प्रचार की शुरुआत से राहुल गांधी सहित सभी नेता 'हिंदुत्व' की राजनीति करते नजर आ रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस नेताओं को कुछ कथित बयान पार्टी के लिए परेशानी का सबब में बन सकता है.
कमलनाथ का बयान

मध्य प्रदेश की सियासत को इन दिनों कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के कथित वीडियो ने गर्मा दिया है. ये वीडियो उस कक्ष के हैं, जहां आम आदमी आसानी से और प्रदेशाध्यक्ष के सिपहसालारों की अनुमति के बगैर नहीं पहुंच सकता हैं इस वीडियो में कमलनाथ मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. इसमें कमलनाथ अपने को आरएसएस का बेहतर जानकार बता रहे हैं, साथ ही कह रहे हैं कि मतदान तक सब कुछ सहें. वही अन्य एक अन्य वीडियो आया है, जिसमें कमलनाथ कह रहे हैं कि मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर 90 प्रतिशत मतदान होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस का नुकसान होगा. भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने इस वीडियो को कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का नमूना बताया है. वहीं उपाध्यक्ष प्रभात झा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर कमलनाथ पर राज्य की फिजा बिगाड़ने का आरोप लगाया है.
सीपी जोशी का बयान
राजस्थान में चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस नेता सीपी जोशी के एक बयान पर विवाद हो रहा है. उन्होंने पीएम मोदी और उमा भारती सहित कईयों की जातियों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है. नाथद्वारा में जोशी एक रैली में कहते नजर आ रहे हैं कि धर्म के बारे में कोई जानता है तो पंडित जानते हैं लेकिन PM मोदी, उमा भारती, साध्वी ऋतंबरा जैसे नेता हिंदू धर्म की बात करते हैं. रैली में उन्होंने कहा, 'वे कहते हैं कि एक कांग्रेसी हिंदू नहीं हो सकता, उन्हें सर्टिफिकेट देने की अथॉरिटी किसने दी? क्या उन्होंने कोई यूनिवर्सिटी खोल रखी है? धर्म के बारे में कोई जानता है तो केवल पंडित जानते हैं.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'उमा भारती एक लोधी हैं और वह हिंदू धर्म के बारे में बात करती हैं, मोदी जी हिंदू धर्म के बारे में बात करते हैं. केवल ब्राह्मण हैं, जो इस बारे में बात नहीं करते. देश को गुमराह किया जा रहा है. धर्म और शासन दोनों अलग-अलग चीजें हैं. हर किसी को अपना धर्म मानने का अधिकारी है.' इसके अलावा जोशी ने कहा, 'सरदार पटेल जी पंडित नेहरू के कैबिनेट में थे. पटेल जी की एकिकृत भारत योजना को पंडित नेहरू का समर्थन था, उन्होंने पंडित नेहरू की मंजूरी के बिना कुछ नहीं किया. लेकिन ये लोग दोनों के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं कि दोनों कभी साथ नहीं रहे.'
दिग्विजय सिंह का बयान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वह कार्यकर्ताओं से दो टूक कह रहे हैं- 'मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता.' दिग्विजय सिंह का यह वीडियो उस वक्त बना, जब मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के सरकारी बंगले पर वह पहुंचे थे. उनके इस बयान से पता चलता है कि वह राज्य में मौजूद नेताओं के बीच खुद को उपेक्षित महसूस कह रहे हैं.
जीतू पटवारी का बयान
राउ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी सोमवार को सुबह मार्निंग वॉक के दौरान ही अपने क्षेत्र की जनता से मिलने पहुंचे. यहां पटवारी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के परिवारजनों से मुलाकात कर वोट देने की अपील की और बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया. हालांकि यह पहला मौका नही था कि जब जीतू यूं अपने क्षेत्र में लोगों से मिलने पहुंचे हो. इसके पहले भी वे कई बार लोगों से सीधा रूबरू हो चुके हैं. लेकिन इस मुलाकात के दौरान उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने लोगों से कह दिया कि 'आप मेरा ध्यान रखना, आपको मेरी इज्जत रखनी है पार्टी जाए तेल लेने'.
कमलनाथ का वीडियो वायरल
कमलनाथ का बयान

मध्य प्रदेश की सियासत को इन दिनों कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के कथित वीडियो ने गर्मा दिया है. ये वीडियो उस कक्ष के हैं, जहां आम आदमी आसानी से और प्रदेशाध्यक्ष के सिपहसालारों की अनुमति के बगैर नहीं पहुंच सकता हैं इस वीडियो में कमलनाथ मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. इसमें कमलनाथ अपने को आरएसएस का बेहतर जानकार बता रहे हैं, साथ ही कह रहे हैं कि मतदान तक सब कुछ सहें. वही अन्य एक अन्य वीडियो आया है, जिसमें कमलनाथ कह रहे हैं कि मुस्लिम बहुल मतदान केंद्रों पर 90 प्रतिशत मतदान होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस का नुकसान होगा. भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने इस वीडियो को कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का नमूना बताया है. वहीं उपाध्यक्ष प्रभात झा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर कमलनाथ पर राज्य की फिजा बिगाड़ने का आरोप लगाया है.
सीपी जोशी का बयान

दिग्विजय सिंह का बयान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वह कार्यकर्ताओं से दो टूक कह रहे हैं- 'मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता.' दिग्विजय सिंह का यह वीडियो उस वक्त बना, जब मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के सरकारी बंगले पर वह पहुंचे थे. उनके इस बयान से पता चलता है कि वह राज्य में मौजूद नेताओं के बीच खुद को उपेक्षित महसूस कह रहे हैं.
जीतू पटवारी का बयान

कमलनाथ का वीडियो वायरल
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