सपा, गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली और अमेठी की अधिकांश सीटें कांग्रेस को देने पर राजी.
नई दिल्ली:
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. आज इसकी घोषणा होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर दिल्ली से लखनऊ पहुंच रहे हैं. इस बात की भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि लखनऊ पहुंचने के बाद सपा के नए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के साथ शाम तक उनकी संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है जिसमें औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है.
दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है.
अब 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है.
अब 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
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