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This Article is From Jan 26, 2017

UPelections 2017: यूपी बीजेपी अध्‍यक्ष की गाड़ी के आगे लेट गए टिकट न मिलने से नाराज दो नेता

UPelections 2017: यूपी बीजेपी अध्‍यक्ष की गाड़ी के आगे लेट गए टिकट न मिलने से नाराज दो नेता
दोनों नाराज नेताओं को समझाकर सड़क से हटाने में करीब घंटे भर का वक्‍त लग गया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्‍मीदवारों के चयन को लेकर बीजेपी को कुछ प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है. यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने अभी तक 370 सीटों के लिए उम्‍मीदवार घोषित कर दिए हैं, और हाल ही में देखा गया है कि वैसे कुछ नेता जिन्‍हें टिकट नहीं मिला है, वह पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह के दिल्‍ली स्थित आवास के बाहर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. लेकिन शायद अपनी बात ज्‍यादा जल्‍दी पहुंचाने के चक्‍कर में दो दावोदारों ने अलग ही तरीका अपनाया. दोनों ही उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की गाड़ी के आगे यह कहते हुए लेट गए कि आपको 'हमारी लाशों के ऊपर से' जाना होगा. सुंदर लाल दीक्षित और रामबाबू द्विवेदी ने लखनऊ में पार्टी ऑफिस के पास कैमरों के सामने अपनी बात रखने के लिए यह तरीका अपनाया. पिछले विधानसभा चुनाव में बाराबंकी क्षेत्र से दोनों ही चुनाव हार गए थे.

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं को समझा बुझाकर सड़क से हटाने में करीब घंटे भर का वक्‍त लग गया. बीजपी टिकटों के बंटवारे में अपने पुराने सदस्‍यों और दूसरे दलों से पार्टी में शामिल हुए नेताओं के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद में है. उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 7 चरणों में मतदान होगा और वोटों की गिनती पंजाब समेत अन्‍य चार राज्‍यों के साथ ही 11 मार्च को होगी.

बुधवार को अयोध्या विधानसभा सीट से एक ‘बाहरी’ को टिकट देने को लेकर आक्रोशित कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भाजपा जिला कार्यालय में हंगामा किया और स्थानीय सांसद लल्लू सिंह और पार्टी इकाई के प्रमुख अवधेश पांडे को रस्सियों से बांध दिया और उन्हें करीब दो घंटा तक बंधक बनाए रखा था. भाजपा ने बसपा से हाल ही में आने वाले वेद गुप्ता को अयोध्या विधानसभा सीट से टिकट दिया है. आक्रोशित कार्यकर्ताओं की मांग पार्टी के राज्य नेतृत्व के समक्ष रखे जाने की उनकी मांग पर भरोसा दिये जाने पर दो घंटे के बाद दोनों नेताओं को रिहा कर दिया गया था.

कारोबारी नेता गुप्ता ने 80 के दशक के शुरुआत में कांग्रेस से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी लकिन वह उसी दशक के उत्तरार्ध में भाजपा में शामिल हो गये और 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में सक्रिय थे. बाद में वह 2002 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये और अयोध्या से विधानसभा का चुनाव लड़े. 2012 में वह बसपा में शामिल हो गये और बसपा प्रत्याशी के रूप में इस सीट से फिर मैदान में उतरे. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गये और उन्हें अयोध्या से टिकट दिया गया.

(इनपुट एजेंसी से...)

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