कैप्टन अमरिंदर ने कहा, प्रियंका ने सिद्धू को कांग्रेस में लाने में बड़ी भूमिका अदा की...
नई दिल्ली:
पंजाब में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा न कर एक अहम चाल चलने से वंचित रह गई है. उल्लेखनीय है कि पंजाब में मतदान शुरू होने से मात्र 10 दिन पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह यह घोषणा कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है.
74 वर्षीय अमरिंदर सिंह राज्य में पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं, जिनका पार्टी के गीतों, पोस्टरों और अन्य में 'कप्तान' के रूप में परिचय दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में उन्हें घोषित नहीं किया गया है.
अमरिंदर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, कांग्रेस आम तौर पर सभी के साथ अग्रिम तौर पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं करती. मुझे लगता है कि एक छोटे से बदलाव का वक्त आ गया है. इसका मतलब यह नहीं कि मेरे नाम की घोषणा की जानी चाहिए. उन्होंने यह दावा करते हुए कि एक नाम के अभाव से पार्टी के भीतर अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा और मतदाताओं के बीच भ्रम का कारण बनता है... यह बात कही.
पंजाब में चार फरवरी को चुनाव है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को 2012 में अकाली-बीजेपी गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से वह सत्ता में हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस के गठबंधन की मध्यस्थता की, उन्होंने पंजाब में भी पार्टी को मजबूत किया. वे पिछले साल बीजेपी छोड़ने वाले तथा क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में लेकर आईं. पहले सिद्धू के अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चाएं थीं, लेकिन बातचीत नाकाम होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी. कैप्टन ने आगे कहा, ''हां, उन्होंने सिद्धू और परगट सिंह को कांग्रेस में लाने में बड़ी भूमिका अदा की और उन्होंने बेहतरीन काम किया क्योंकि वह हमारे लिए अहम बनने जा रही हैं''.
कैप्टन अमरिंदर ने सिंह ने कहा कि हालांकि जब उन्होंने उनसे चुनाव प्रचार करने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि मुझे लगता है कि वह इस समय उत्तर प्रदेश में अपनी मां और भाई की सीट के लिए अधिक काम करना चाहती हैं. मेरी इच्छा है कि वह आतीं तो यह हमारे लिए मददगार साबित होता.
74 वर्षीय अमरिंदर सिंह राज्य में पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं, जिनका पार्टी के गीतों, पोस्टरों और अन्य में 'कप्तान' के रूप में परिचय दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में उन्हें घोषित नहीं किया गया है.
अमरिंदर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, कांग्रेस आम तौर पर सभी के साथ अग्रिम तौर पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं करती. मुझे लगता है कि एक छोटे से बदलाव का वक्त आ गया है. इसका मतलब यह नहीं कि मेरे नाम की घोषणा की जानी चाहिए. उन्होंने यह दावा करते हुए कि एक नाम के अभाव से पार्टी के भीतर अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा और मतदाताओं के बीच भ्रम का कारण बनता है... यह बात कही.
पंजाब में चार फरवरी को चुनाव है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को 2012 में अकाली-बीजेपी गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से वह सत्ता में हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस के गठबंधन की मध्यस्थता की, उन्होंने पंजाब में भी पार्टी को मजबूत किया. वे पिछले साल बीजेपी छोड़ने वाले तथा क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में लेकर आईं. पहले सिद्धू के अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चाएं थीं, लेकिन बातचीत नाकाम होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी. कैप्टन ने आगे कहा, ''हां, उन्होंने सिद्धू और परगट सिंह को कांग्रेस में लाने में बड़ी भूमिका अदा की और उन्होंने बेहतरीन काम किया क्योंकि वह हमारे लिए अहम बनने जा रही हैं''.
कैप्टन अमरिंदर ने सिंह ने कहा कि हालांकि जब उन्होंने उनसे चुनाव प्रचार करने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि मुझे लगता है कि वह इस समय उत्तर प्रदेश में अपनी मां और भाई की सीट के लिए अधिक काम करना चाहती हैं. मेरी इच्छा है कि वह आतीं तो यह हमारे लिए मददगार साबित होता.
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