महाभारत में द्रौपदी महत्वपूर्ण पात्र है. जानते हैं द्रौपदी से जुड़ी ऐसी बात जो बहुत कम लोग जानते हैं.
नई दिल्ली:
आज से पांच हजार साल पहले द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने मोक्षदा शुक्ल एकादशी के दिन महान धनुर्धारी पांडव पुत्र अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवद्गीता है. इस दिन को आज संपूर्ण विश्व में गीता जयंती के नाम से मनाया जाता है. सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से जो बातें कहीं थीं उनका महत्व आज भी है. महाभारत में पांडवों के साथ-साथ द्रौपदी भी महत्वपूर्ण पात्र है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं द्रौपदी से जुड़ी ऐसी बात जो बहुत कम लोग जानते हैं. द्रौपदी ने 5 भाइयों (पांडव) की पत्नी किस वजह से बनी थीं, आइए जानते हैं...
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पिछले जन्म में शिव से मांगा था 14 गुणों वाला पति
ऐसी मान्यता है कि पिछले जन्म भगवान शिव से पति के लिए याचना की थी, जिसमें उन्होंने ऐसे पति की इच्छा जाहिर की थी जिसके पास 14 गुण हों. लेकिन एक व्यक्ति में इतने गुण होना नामुमकिन था. ऐसे में शिव ने उन्हें 5 पतियों की पत्नी बनने का आशिर्वाद दिया था. जिसके बाद द्रौपदी ने शिव से 5 गुणों वाले पति वाले जिनमें धर्म, शक्ति, तीरंदाजी में कौशल, सुंदरता और धैर्य जैसे गुण हों. इनमें से हर एक गुण पांडवों में थे.
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जब मां ने पांडवों से कहा आपस में बांट लो
द्रौपदी पांचाल राजा द्रुपद की पुत्री थी. जो यज्ञ की वेदी से प्रकट हुई थीं. द्रौपदी की शादी के लिए स्वयंवर रखा गया था. जहां अर्जुन ने द्रौपदी को धनुर्विद्या का श्रेष्ठतम प्रदर्शन कर हासिल किया था. लेकिन द्रौपदी को पांडवों की पत्नी बनना पड़ा. जब पांडव द्रौपदी को लेकर घर आए तो उनकी मां कुंती काम में व्यस्त थीं. दरअसल, जैसे ही पांडवों ने मां को पुकारा तो उन्होंने बिना देखे कह दिया था कि जो लेकर आए हैं, उसे मिलकर बांट लें. जिसके बाद द्रौपदी पांच भाइयों की पत्नी बनकर रहने लगीं.
पढ़ें- जानिए क्या है कौरवों के जन्म लेने की कथा
कहा जाता है महाकाली का अवतार
दक्षिण भारत में लोकप्रिय मान्यता है कि द्रौपदी महा काली का अवतार थीं, जो भगवान कृष्ण की सहायता के लिए पैदा हुई थीं. यही नहीं, द्रौपदी को कई नाम से जाना जाता है. उन्हें पांचाली, यज्नासेनी, महाभारती, सैरांध्री जैसे नामों से भी जाना जाता है.
देखें वीडियो - श्रीकृष्ण हैं भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार
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पिछले जन्म में शिव से मांगा था 14 गुणों वाला पति
ऐसी मान्यता है कि पिछले जन्म भगवान शिव से पति के लिए याचना की थी, जिसमें उन्होंने ऐसे पति की इच्छा जाहिर की थी जिसके पास 14 गुण हों. लेकिन एक व्यक्ति में इतने गुण होना नामुमकिन था. ऐसे में शिव ने उन्हें 5 पतियों की पत्नी बनने का आशिर्वाद दिया था. जिसके बाद द्रौपदी ने शिव से 5 गुणों वाले पति वाले जिनमें धर्म, शक्ति, तीरंदाजी में कौशल, सुंदरता और धैर्य जैसे गुण हों. इनमें से हर एक गुण पांडवों में थे.
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जब मां ने पांडवों से कहा आपस में बांट लो
द्रौपदी पांचाल राजा द्रुपद की पुत्री थी. जो यज्ञ की वेदी से प्रकट हुई थीं. द्रौपदी की शादी के लिए स्वयंवर रखा गया था. जहां अर्जुन ने द्रौपदी को धनुर्विद्या का श्रेष्ठतम प्रदर्शन कर हासिल किया था. लेकिन द्रौपदी को पांडवों की पत्नी बनना पड़ा. जब पांडव द्रौपदी को लेकर घर आए तो उनकी मां कुंती काम में व्यस्त थीं. दरअसल, जैसे ही पांडवों ने मां को पुकारा तो उन्होंने बिना देखे कह दिया था कि जो लेकर आए हैं, उसे मिलकर बांट लें. जिसके बाद द्रौपदी पांच भाइयों की पत्नी बनकर रहने लगीं.
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कहा जाता है महाकाली का अवतार
दक्षिण भारत में लोकप्रिय मान्यता है कि द्रौपदी महा काली का अवतार थीं, जो भगवान कृष्ण की सहायता के लिए पैदा हुई थीं. यही नहीं, द्रौपदी को कई नाम से जाना जाता है. उन्हें पांचाली, यज्नासेनी, महाभारती, सैरांध्री जैसे नामों से भी जाना जाता है.
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