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This Article is From Dec 10, 2017

Robert Koch Google Doodle: टीबी से दम तोड़ने जा रही औरत के बचा लिए थे प्राण

कोच ही वे शख्स थे जिन्होंने सबसे पहले सिद्ध किया कि संक्रामक रोग बैक्टीरिया जैसे माइक्रो-ऑर्गेनिज्मस से फैलते हैं. उन्होंने बैकिलस को खून से बाहर करने की विधि तैयार की और उन्होंने सबसे पहले एन्थ्रैक्स की वजह से मरणासन्न एक दूध वाली औरत का इलाज किया था.

Robert Koch Google Doodle: टीबी से दम तोड़ने जा रही औरत के बचा लिए थे प्राण
रॉबर्ट कोच (1843-1910)
नई दिल्ली: आज गूगल के डूडल पर जर्मन वैज्ञानिक डॉ. रॉबर्ट कोच को जगह दी गई है. उनके सम्मान में आज का डूडल बनाया गया है. कोच ही वे शख्स थे जिन्होंने सबसे पहले सिद्ध किया कि संक्रामक रोग बैक्टीरिया जैसे माइक्रो-ऑर्गेनिज्मस से फैलते हैं. उन्होंने बैकिलस को खून से बाहर करने की विधि तैयार की और उन्होंने सबसे पहले एन्थ्रैक्स की वजह से मरणासन्न एक दूध वाली औरत का इलाज किया था. वह ठीक भी हो गई थी. इस तरह उन्होंने कामयाबी की पहली इबारत लिखी.

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यही नहीं, कोच के योगदान को मेडिसिन के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता है. 18वीं और 19वीं शताब्दी में पश्चिमी देशों में टीबी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती थी. इसने यूरोप में महामारी का रूप अख्तियार कर रखा था. लेकिन मार्च, 1882 से पहले तक इस बीमारी की वजह को कोई नहीं जाता था. रॉबर्च कोच ने इस बात का खुलासा किया कि इसकी वजह बैक्टीरियम है.

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उनके सम्मान में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक मेडिकल इंस्टीट्यूट का नाम उनके नाम पर रखा गया है. 1910 में 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया था. आज भी दुनिया भर के तमाम रोगों का उपचार सिर्फ रॉबर्ट कोच की महान रिसर्च और खोजों की बदौलत ही संभव हो पाया.

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