रॉबर्ट कोच के जीवन पर जर्मन भाषा में फिल्म बन चुकी है.
नई दिल्ली:
Google ने आज सम्मान के तौर पर जर्मन फिजिशन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कोच को Doodle जगह दी है. Robert Koch का जन्म 11 दिसंबर, 1843 को जर्मनी के हनोवर शहर में हुआ था. उन्हें आधुनिक बैक्टीरियोलॉजी का जनक भी माना जाता है. उन्होंने 1876 में एंथ्रैक्स की वजह बैक्टीरियम की पहचान की थी. वे जानलेवा बीमारियों में दिलचस्पी रखते थे और अपने घर में ही इनपर काम करते रहते थे. वे इस सारे काम को अपने माइक्रोस्कोप पर अंजाम देते थे, जो उनकी बीवी ने उन्हें 28वें जन्मदिन पर दिया था.
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1881 में Robert Koch ने सर्जिकल उपकरणों के हीट स्टर्लाइजेशन को विकसित किया. उन्होंने यह सिद्ध किया कि स्टीम बैक्टीरिया को ड्राइ हीट की अपेक्षा ज्यादा प्रभावी ढंग खत्म करती है. जिससे उपकरणों से संक्रमण का खतरा नहीं रहता. 1883 में वे भारत भी आए थे. वे यहां हैजा की बीमारी का वजह का पता लगाने आए थे क्योंकि उस समय ये महामारी का रूप ले चुकी थी. वे हैजा के माइक्रोब का पता लगाने में कामयाब रहे थे और उन्होंने पाया का कि बैकिलस मानव शरीर में मुख्य तौर पर पानी के जरिये जाता है. ट्यूबरक्लोसिस में बेहतरीन कार्य करने के लिए उन्हें 1905 में मेडिसिन या फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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Robert Koch के जीवन पर जर्मन में फिल्म भी बन चुकी है, यह फिल्म 1939 में रिलीज हुई थी. इसमें उनकी कई बड़ी खोज पर इशारा डाला गया था. खास यह कि स्कूल जाने से पहले ही उन्होंने अखबार की मदद से पढ़ना-लिखना अपने आप से ही सीख लिया था.
देखें, Robert Koch पर बनी फिल्म का वीडियो.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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