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This Article is From May 17, 2017

उड़ने वाले रोबोट का आविष्कार, इशारों पर आसमान में करेगा करतब

जॉर्जिया टेक में प्रोफेसर मैग्नस एगरस्टड ने कहा, 'जमीनी रोबोट में पहले से सुरक्षा तकनीक लगाई जाती है ताकि वे एक दूसरे से नहीं टकराए.

उड़ने वाले रोबोट का आविष्कार, इशारों पर आसमान में करेगा करतब
अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने उड़ने वाला रोबोट बनाने का आविष्कार किया है. तस्वीर: प्रतीकात्मक
नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने पहली बार उड़ने वाले रोबोट का एक समूह तैयार किया है, जो उपयोगकर्ता के इशारों पर काम करने और एक-दूसरे से टकराए बिना आकाश में करतब दिखाने के कार्य में सक्षम है. अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की ओर से तैयार किए गए रोबोटिक क्वाडकॉप्टर्स के पांच समूह उपयोगकर्ता के कमांड के अनुसार व्यवहार बदलने में सक्षम है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इस नयी प्रगति के बाद एक मशीन दूसरे टकराए बिना कलाबाजी दिखा पाएंगे.

जॉर्जिया टेक में प्रोफेसर मैग्नस एगरस्टड ने कहा, 'जमीनी रोबोट में पहले से सुरक्षा तकनीक लगाई जाती है ताकि वे एक दूसरे से नहीं टकराए. उन्होंने कहा, 'हमारे क्वाडकॉप्टर्स में भी ऐसी ही तकनीक का इस्तेमाल किया गया है ताकि वे आकाश में एक-दूसरे से नहीं टकराए. आम भाषा में कहें तो वे आभाषी हैट पहने होते हैं. महिला ने उमा माहेश्वरी ने इस शख्स को रंगेहाथों पकड़ लिया और पूरी घटना का ब्यौरा फेसबुक में डाल दिया.

हिंदी सीखने फ्रांस से भारत पहुंचा एक रोबोट

कुछ दिन पहले ही रोबोट से जुड़ी एक अनोखी बात सामने आई थी. फ्रांस की राजधानी पेरिस से हिंदी सीखने के लिए पहला फ्रांसीसी ह्यूमेनॉयड रोबोट 'नाओ' झीलों की नगरी उदयपुर आया है. पहले से 19 भाषाएं जानने वाले 'नाओ' जब हिन्दी सीख लेगा तो दूसरे रोबोट में हिन्दी प्रोग्रामिंग के माध्यम से दुनिया में पहुंच सकेगी.

टेक्नो इंडिया के निदेशक आरएस व्यास बताया कि ह्यूमेनॉयड रोबोट का पांचवां संस्करण है. नाओ किसी भी तरह की जानकारी दे सकता है. इसकी लंबाई 58 सेंटीमीटर है. दुनिया में अब 10 हजार नाओ रोबोट बेचे जा चुके हैं.

यह इंटरनेट पर गूगल सहित खास तरह की प्रोग्रामिंग के जरिए आवाज को सर्च कर एक्शन करता है और सवालों के जवाब देता है. वाई-फाई से कनेक्ट करते ही इसके भीतर का कम्प्यूटर स्क्रीन हो जाता है.

व्यास ने बताया कि राजस्थान में यह अपनी तरह का पहला रोबोट है, जो कलडवास के टेक्नो इंडिया एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पहुंचा है.


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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