
17 मई को एंटीकेथेरा मैकेनिज्म की खोज की 115वीं वषर्गांठ होता है.
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रोमन मालवाहक पोत का पता इससे दो वर्ष पहले चला था
1902 में यूनानी पुरातत्वविद वेलरोयस स्टाएस ने एंटीकेथेरा ने की खोज
एक पोत के मलबे से कुछ अवशेषों को स्थानांतरित करते समय लगाया था
इस रहस्यमयी अवशेष का पता 1902 में यूनानी पुरातत्वविद वेलरोयस स्टाएस ने एंटीकेथेरा में एक पोत के मलबे से कुछ अवशेषों को स्थानांतरित करते समय लगाया था. इस रोमन मालवाहक पोत का पता इससे दो वर्ष पहले चला था लेकिन स्टाएस पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अवशेषों में से पहिए या गियर जैसे प्रतीत होने वाले पीतल के इस टुकड़े का पता लगाया.
बाद में पता चला कि पीतल का यह टुकड़ा प्राचीन एनालॉग खगोलीय कंप्यूटर एंटीकेथेरा मैकेनिज्म का एक हिस्सा है.
इस यंत्र का उपयोग ग्रहों की स्थिति का पता लगाने, चंद्र एवं सूर्य ग्रहण की भविष्यवाणी करने और अगले ओलंपिक खेलों का संकेत देने के लिए भी किया गया.
गूगल (Google)ने कहा, 'इसका उपयोग संभवत: नक्शे तैयार करने और नेविगेशन में भी किया गया.' शुरुआत में बताया गया था कि यह यंत्र करीब 85 ईसा पूर्व का है लेकिन हालिया अध्ययन में कहा गया है कि यह इससे भी पुराना (करीब 150 ईसा पूर्व) है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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