बिहार के छोटे से गांव की रग्बी खिलाड़ी स्वीटी बनी ''इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द इयर''

स्वीटी ने 11.58 सेकेंड में पूरा कर लिया और इसी दौरान उसकी मुलाकात एक रग्बी कोच से हुई. 14 साल की उम्र में स्वीटी ने इस खेल के बारे में जानकारी प्राप्त की और फिर एक टीम बनाई और राज्य चैम्पियनशिप में प्रवेश किया.

बिहार के छोटे से गांव की रग्बी खिलाड़ी स्वीटी बनी ''इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द इयर''

स्वीटी कुमारी बिहार के नवादा के एक छोटे गांव की रहने वाली हैं.

खास बातें

  • 19 साल की स्वीटी ने रग्बी से देश में बनाई अलग पहचान
  • स्वीटी को दिया गया 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द इयर' का अवॉर्ड
  • रग्बी में अपना करियर बनाने से पहले वह एक एथिलीट थीं
नई दिल्ली:

बिहार के नवादा जिले के बाढ़ की रहने वाली 19 साल की स्वीटी कुमारी ने रग्बी के जरिए दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. स्वीटी को हाल ही में महिला रग्बी की आधिकारिक वेबसाइट स्क्रमक्वींस ने 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द इयर' (2019) का अवॉर्ड दिया है. बता दें, स्वीटी यह अवॉर्ड पाने वाली देश की पहली महिला रग्बी खिलाड़ी हैं. स्क्रमक्वीन के मुताबिक इस अवॉर्ड के लिए दुनियाभर से 10 लोगों को नॉमिनेट किया गया था. इसके बाद पब्लिक पोल के आधार पर स्वीटी का नाम चुना गया. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीटी के इस सफर की शुरुआत एक एथीलीट के रूप में हुई. इसके बाद स्वीटी ने 100 मीटर की एक दौड़ में हिस्सा लिया. इस दौड़ को स्वीटी ने 11.58 सेकेंड में पूरा कर लिया और इसी दौरान उसकी मुलाकात एक रग्बी कोच से हुई. 14 साल की उम्र में स्वीटी ने इस खेल के बारे में जानकारी प्राप्त की और फिर एक टीम बनाई और राज्य चैम्पियनशिप में प्रवेश किया. तीन साल के अंदर वह राष्ट्रीय U17 टीम में थी, और पिछले साल उसे सीनियर नेशनल टीम में शामिल कर लिया गया. 

वह शुरू से ही लोगों पर अपनी छाप छोड़ रही थी लेकिन 2019 में उसने सेवेंस और फिफ्टीन दोनों में एशिया पर एक बड़ा प्रभाव डाला. इसके बाद से ही स्वीटी को एशिया रग्बी द्वारा महाद्वीप के सबसे तेज खिलाड़ी के रूप में वर्णित किया जाने लगा है. स्वीटी की विस्फोटक गति और शक्ति के कारण ही भारत के अधिकांश सेवंस टूर्नामेंटों में उसने सबसे अधिक स्कोर हासिल किए. साथ ही उसने सिंगापुर के खिलाफ अच्छी स्कोरिंग से मैच में जीत हासिल की. 

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स्वीटी ने बताया कि उसके पिता मजदूर हैं और मां आंगनबाड़ी में काम करती हैं. स्वीटी ने कहा, ''मेरे पिता ने मुझे दूसरों से आगे रखा और मेरी हर तरह से मदद की. मैंने मेरे कोच से स्पाइक्स उधार देने के लिए कहा और खेल जीत कर साबित किया कि मैं उनकी हकदार हूं''.