60 वर्षीय महिला एच्युटु सांबा ने बताया कि उनके देश नुआकशोत में पत्नी की पिटाई की परंपरा है. तस्वीर: सांकेतितक है.
नुआकशोत:
एक तरफ महिलाओं की हालात में सुधार लाने के लिए दुनिया भर में प्रयास किए जा रहे हैं. घरेलू हिंसा को पूरी तरह बंद करने के लिए कोशिशें हो रही हैं. इतने प्रयासों के बाद भी अफ्रीकी महादेश का नुआकशोत एक ऐसा देश है जहां पत्नियों की पिटाई गर्व की बात समझा जाता है. समाज पर पुरुष मानसिकता की छाप के चलते यहां की महिलाएं पति से मार खाना अच्छा बात समझती हैं. यहां की महिलाएं समझती हैं कि अगर उसका पति उसे नहीं मारता-पिटता है तो वह उससे प्यार नहीं करता है. इसी वजह से यहां की ज्यादातर महिलाओं के पैर, हाथ सहित शरीर के दूसरे अंगों में फ्रैक्चर होना आम बात है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि यहां की सरकार इस परंपरा को बंद करने के लिए कानून बना चुकी है, घरेलू हिंसा के मामलों में पांच साल की सजा का प्रावधान है. इसके बावजूद समाज पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है.
बच्च्चों को सुनाते हैं पिटाई की कहानी
'द स्टार' के मुताबिक यहां की 60 वर्षीय महिला एच्युटु सांबा ने बताया कि उनके देश में पत्नी की पिटाई की परंपरा है. वो कहती हैं कि हमें मारपीट की आदत हो गई है, हम इसपर कभी सोचते भी नहीं हैं. कई बार तो पति अपनी पत्नी पर ठंडा पानी भी डाल देता है. उन्होंने बताया कि हम अपने बच्चों को कहानियों में बताते हैं कि उसकी मां, दादी, बुआ, मौसी आदि रिश्तेदारों को उनके पति कैसे पिटते थे.
इस देश का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान
अफ्रीका के पश्चिमी भाग में स्थित मॉरीतानिया एक गरीब मुस्लिम देश है. यहां का ज्यादातर हिस्सा सहारा रेगिस्तान में आता है. यूं तो कई जनजाति के लोग रहते हैं, लेकिन सभी में पत्नी को पीटने का रिवाज है.
पिटाई को समाज ने स्वीकारा
नुआकशोत के सामाजिक कल्याण मंत्रालय में सलाहकार और शोधकर्ता सिदी बोयदा ने बताया कि पत्नियों की पिटाई यहां के सभी जातीय समूह में इस कदर स्वीकार की जा चुकी है कि इसे दूर करना बेहद मुश्किल है. फुलानी जनजाति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इस समाज में जो पति जितनी बेरहमी से पिटाई करता है उसकी पत्नी समझती है कि वो उससे उतना ही ज्यादा प्यार करता है. महिलाएं यहां आपसी बातचीत में गर्व से एक दूसरे को बताती हैं कि उसके पति ने किस बुरी तरीके से पिटा है.
तलाक के डर से पिटती हैं महिलाएं
जानकारों का कहना है कि यहां की महिलाएं तलाक से बचने के लिए पति के जुल्म को सहती हैं. यहां जो भी महिला पिटाई का विरोध करती हैं उसका पति उसे तलाक दे देता है. यहीं की 25 वर्षीय मरियम जोलो ने बताया कि एक दिन वह टीवी देख रही थीं, तभी उसका पति वहां आया और उसे बेरहमी से पिटने लगा. जब तक वह अधमारा नहीं हो गई वह तब तक पिटता रहा. मरियम बताती है कि इसके बाद भी उसे बुरा नहीं लगा, वह अपने पति से बेहद खुश है.
बच्च्चों को सुनाते हैं पिटाई की कहानी
'द स्टार' के मुताबिक यहां की 60 वर्षीय महिला एच्युटु सांबा ने बताया कि उनके देश में पत्नी की पिटाई की परंपरा है. वो कहती हैं कि हमें मारपीट की आदत हो गई है, हम इसपर कभी सोचते भी नहीं हैं. कई बार तो पति अपनी पत्नी पर ठंडा पानी भी डाल देता है. उन्होंने बताया कि हम अपने बच्चों को कहानियों में बताते हैं कि उसकी मां, दादी, बुआ, मौसी आदि रिश्तेदारों को उनके पति कैसे पिटते थे.
इस देश का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान
अफ्रीका के पश्चिमी भाग में स्थित मॉरीतानिया एक गरीब मुस्लिम देश है. यहां का ज्यादातर हिस्सा सहारा रेगिस्तान में आता है. यूं तो कई जनजाति के लोग रहते हैं, लेकिन सभी में पत्नी को पीटने का रिवाज है.
पिटाई को समाज ने स्वीकारा
नुआकशोत के सामाजिक कल्याण मंत्रालय में सलाहकार और शोधकर्ता सिदी बोयदा ने बताया कि पत्नियों की पिटाई यहां के सभी जातीय समूह में इस कदर स्वीकार की जा चुकी है कि इसे दूर करना बेहद मुश्किल है. फुलानी जनजाति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इस समाज में जो पति जितनी बेरहमी से पिटाई करता है उसकी पत्नी समझती है कि वो उससे उतना ही ज्यादा प्यार करता है. महिलाएं यहां आपसी बातचीत में गर्व से एक दूसरे को बताती हैं कि उसके पति ने किस बुरी तरीके से पिटा है.
तलाक के डर से पिटती हैं महिलाएं
जानकारों का कहना है कि यहां की महिलाएं तलाक से बचने के लिए पति के जुल्म को सहती हैं. यहां जो भी महिला पिटाई का विरोध करती हैं उसका पति उसे तलाक दे देता है. यहीं की 25 वर्षीय मरियम जोलो ने बताया कि एक दिन वह टीवी देख रही थीं, तभी उसका पति वहां आया और उसे बेरहमी से पिटने लगा. जब तक वह अधमारा नहीं हो गई वह तब तक पिटता रहा. मरियम बताती है कि इसके बाद भी उसे बुरा नहीं लगा, वह अपने पति से बेहद खुश है.
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