
ईवान स्पिगल स्नैपचैट के को-फाउंडर है
कैलिफोर्निया:
स्नैपचैट के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि इस सोशल मीडिया कंपनी के सीईओ ईवान स्पिगल को भारत जैसे 'गरीब देशों' में अपने व्यवसाय का विस्तार करने में कोई रुचि नहीं है. अमेरिकन वेबसाइट वैराइटी ने पूर्व कर्मचारी एंथनी पोमप्लायनो का नाम लेते हुए खबर छापी कि स्पिगल ने उनसे (एंथनी से) कहा था कि यह लोकप्रिय एप सिर्फ अमीर लोगों के लिए है. इस कथित बयान की भारत में काफी आलोचना की जा रही है.
वैरायटी की रिपोर्ट के मुताबिक पोमप्लायनो जो कि फेसबुक के साथ भी काम कर चुके हैं - वह स्नैपचैट के सीईओ के साथ एक मीटिंग में थे जहां कंपनी के इस एप की दुनिया भर में विस्तार किए जाने पर बात की जा रही थी. तभी स्पिग ने उन्हें बीच में टोक दिया. बताया जा रहा है कि स्पिगल ने पोम्पलायनो से कहा कि 'यह एप सिर्फ अमीर लोगों के लिए है. मैं भारत या स्पेन जैसे गरीब देशों में इसका विस्तार नहीं करना चाहता.'
इस आरोप को पोमप्लायनो के उस मुकदमे में भी शामिल किया गया है जिसे उन्होंने जनवरी के महीने में अमेरिकी कोर्ट में दर्ज करवाया था. इस मामले के मुताबिक पूर्व कर्मचारी ने यह भी दावा किया है कि स्नैपचैट यूज़र डाटा को बढ़ा चढ़ाकर पेश करता है और वह अहम मैट्रिक्स के बारे में भी गलत सूचना देता है.
हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्नैपचैट ने इन आरोपों का खंडन किया है. वैरायटी के ही अनुसार कंपनी के एटर्नी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'सच तो यह है कि पोमप्लायनो को स्नैप के मौजूदा मैट्रिक के बारे में कुछ नहीं पता.'
अमेरिकी कंपनी स्नैपचैट एक लोकप्रिय मोबाइल एप्लिकेशन है जिसके गूगल प्ले स्टोर के जरिए पचास करोड़ डाउनलोड किए जा चुके हैं. इसे 2011 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र ईवान स्पिगल, बॉबी मर्फी और रैगी ब्राउन ने तैयार किया था.
पिछले महीने स्नैपचैट की प्रमुख कंपनी स्नैप ने IPO के जरिए 300 करोड़ डॉलर इकट्ठा किया था. पिछले साल स्नैपचैट की शुद्ध हानि 38 प्रतिशत बढ़ गयी थी, लेकिन इसके बावजूद IPO की बदौलत उसका बाजार मूल्य 2400 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया जो कि ट्विटर से दो गुना ज्यादा है.
वैरायटी की रिपोर्ट के मुताबिक पोमप्लायनो जो कि फेसबुक के साथ भी काम कर चुके हैं - वह स्नैपचैट के सीईओ के साथ एक मीटिंग में थे जहां कंपनी के इस एप की दुनिया भर में विस्तार किए जाने पर बात की जा रही थी. तभी स्पिग ने उन्हें बीच में टोक दिया. बताया जा रहा है कि स्पिगल ने पोम्पलायनो से कहा कि 'यह एप सिर्फ अमीर लोगों के लिए है. मैं भारत या स्पेन जैसे गरीब देशों में इसका विस्तार नहीं करना चाहता.'
इस आरोप को पोमप्लायनो के उस मुकदमे में भी शामिल किया गया है जिसे उन्होंने जनवरी के महीने में अमेरिकी कोर्ट में दर्ज करवाया था. इस मामले के मुताबिक पूर्व कर्मचारी ने यह भी दावा किया है कि स्नैपचैट यूज़र डाटा को बढ़ा चढ़ाकर पेश करता है और वह अहम मैट्रिक्स के बारे में भी गलत सूचना देता है.
हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्नैपचैट ने इन आरोपों का खंडन किया है. वैरायटी के ही अनुसार कंपनी के एटर्नी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'सच तो यह है कि पोमप्लायनो को स्नैप के मौजूदा मैट्रिक के बारे में कुछ नहीं पता.'
अमेरिकी कंपनी स्नैपचैट एक लोकप्रिय मोबाइल एप्लिकेशन है जिसके गूगल प्ले स्टोर के जरिए पचास करोड़ डाउनलोड किए जा चुके हैं. इसे 2011 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र ईवान स्पिगल, बॉबी मर्फी और रैगी ब्राउन ने तैयार किया था.
पिछले महीने स्नैपचैट की प्रमुख कंपनी स्नैप ने IPO के जरिए 300 करोड़ डॉलर इकट्ठा किया था. पिछले साल स्नैपचैट की शुद्ध हानि 38 प्रतिशत बढ़ गयी थी, लेकिन इसके बावजूद IPO की बदौलत उसका बाजार मूल्य 2400 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया जो कि ट्विटर से दो गुना ज्यादा है.
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