New Delhi:
भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी जे. रोमर ने बुधवार को आश्वासन दिया कि कैलीफोर्निया स्थित बोगस विश्वविद्यालय के बंद होने से प्रभावित हुए करीब 1,500 भारतीय छात्रों के साथ निष्पक्ष और उचित व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका उन छात्रों को वीजा धोखाधड़ी मामले से बचाने के प्रति प्रतिबद्ध है। रोमर ने यहां कहा, "हम ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय छात्रों के साथ निष्पक्ष व उचित व्यवहार हो।" रोमर ने भविष्य में छात्रों को वीजा धोखाधड़ी के खतरों के प्रति सचेत रहने की चेतावनी दी है और हाल के मामले में उन्हें वीजा धोखाधड़ी से बचाने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया है। उन्होंने कहा, "वीजा धोखाधड़ी अमेरिकी करें या भारतीय, इसका सार्वभौमिक हानिकारक असर होता है और इससे अन्य इच्छुक छात्रों के लिए अवसर कम हो सकते हैं।" उन्होंने कहा, "वित्तीय लाभ के लिए युवा छात्रों की उम्मीदों और सपनों का धोखे से दोहन करना गलत है और यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में सभी छात्र दूतावास द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले मुफ्त संसाधनों का इस्तेमाल कर सकें और उनके लिए उपलब्ध शैक्षिक विकल्पों की पूरी तरह जांच परख करें।" कैलीफोर्निया के ट्राई-वैली बोगस विश्वविद्यालय में करीब 1,555 छात्र थे। इनमें से 90 प्रतिशत छात्र भारतीय हैं और उनमें ज्यादातर आंध्र प्रदेश से हैं। उन्हें छात्र वीजा को मान्य बनाए रखने के लिए अन्य संस्थानों में प्रवेश लेना होगा अन्यथा उनको स्वदेश भेजा जा सकता है। भारतीय विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा द्वारा अपनी अमेरिकी समकक्ष हिलेरी क्लिंटन के समक्ष ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के बंद होने से उत्पन्न संकट को उठाए जाने के कुछ दिन बाद अमेरिकी राजदूत की ओर से यह आश्वासन दिया गया है।
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