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This Article is From Jan 26, 2015

आतंकवाद पर अमेरिका-भारत वार्ता से पाक पर बढ़ेगा दबाव : गृह मंत्रालय

आतंकवाद पर अमेरिका-भारत वार्ता से पाक पर बढ़ेगा दबाव : गृह मंत्रालय
नई दिल्ली:

अमेरिका और भारत के बीच जो आतंकवाद को लेकर चर्चा हुई है, उससे भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत हुई है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच की बातचीत के बाद पाकिस्तान पर और ज्यादा दबाव बनेगा।

जमात-उद-दावा पर यूनाइटेड नेशन्स ने 2008 में कार्रवाई की मांग की थी। यह कार्रवाई तीन स्तर पर होनी थी, पहला जमात-उद-दावा के बैंक अकाउंट्स फ्रीज करना, दूसरा उसके लोगों से हथियार लेना और तीसरा उससे जुड़े लोगों की मूवमेंट पर बैन लगाना, पर पाकिस्तान ने कुछ भी नहीं किया, लेकिन अब उम्मीद है कि उस पर दबाव बढ़ा होगा। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने एनडीटीवी को यह जानकारी दी।

वैसे, पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी ने अपनी वेबसाइट से उन सभी संगठनों का नाम हटा दिया है, जिन पर प्रतिबंध लगा है। इससे साफ़ जाहिर है कि पाकिस्तान दवाब में है।

साथ ही यह साफ नहीं करना चाहता कि जमात-उद-दावा या हक्कानी पर उसने रोक लगाई है या नहीं। भारतीय सुरक्षा तंत्र से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान अपने बचाव में यह दलील देता है कि जमात-उद-दावा के नाम पर कोई बैंक अकाउंट नहीं है। हाफिज सईद का पासपोर्ट सात साल पहले एक्सपायर हो गया था। तब से हाफिज सईद ने नया पासपोर्ट नहीं बनाया है।

उधर, भारत की दलील है कि पाकिस्तान सही जानकारी नहीं दे रहा। हाफिज सईद जब चाहे जहां घूम रहा है, बयान दे रहा है। उस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। गृहमंत्रालय का कहना है कि मुंबई पर हुए हमले का मुख्य आरोपी हाफिज सईद है, लेकिन अब उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के दबाव के बाद हालत कुछ बदलेंगे, क्योंकि आतंकवाद को एक साझा खतरा बताते हुए भारत और अमेरिका अब मिल-जुलकर आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करेंगे।

गृहमंत्रालय के मुताबिक, अमेरिका ने भारत को यह भी यकीन दिलाया है कि अमेरिका 26/11 के गुनाहगारों को सजा दिलवाने में पाकिस्तान के ऊपर जोर देगा।

बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी ने अपनी बातचीत में इस बात पर तवज्जो दी कि आतंकवादी गुटों में फर्क नहीं किया जाना चाहिए। सब देशों को अपना-अपना फर्ज अदा करना चाहिए और आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिलेक्टेड नहीं होना चाहिए।

गृहमंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एक स्ट्रेटेजी बनाने की बात कही है। यह भारत के लिए अच्छी खबर है। खासकर 2008 में मुंबई पर हुए हमले के बारे में पाकिस्तान पर दोनों देशों ने गुनाहगारों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग की है।

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