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This Article is From Dec 26, 2016

पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के तहत प्रक्रियाओं पर रोक को लेकर विश्व बैंक से आपत्ति जताई

पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के तहत प्रक्रियाओं पर रोक को लेकर विश्व बैंक से आपत्ति जताई
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने विश्व बैंक से सिंधु जल संधि के संबंध में अपने दायित्वों को पूरा करने का आह्वान किया है और उसने किशनगंगा और रातले परियोजनाओं को लेकर भारत-पाक विवाद के संबंध में दो प्रक्रियाओं पर रोक को लेकर आपत्ति की है.

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने विश्व बैंक अध्यक्ष जिम कोंग किम को भेजे पत्र में कहा कि संधि ऐसी स्थिति उपलब्ध नहीं कराती, जहां एक पक्ष अपने दायित्वों को पूरा ना करे.

डार ने कहा कि पंचाट का पैनल बनाने की प्रक्रिया पर स्थगन लगाने के विश्व बैंक के फैसले से संधि के तहत पाकिस्तान के हितों एवं अधिकारों को नुकसान पहुंचेगा.

रेडियो पाकिस्तान ने खबर दी है, 'यह (पत्र) कड़े शब्दों में कहता है कि पंचाट के अध्यक्ष की नियुक्ति में बहुत देरी कर दी गई है. पत्र विश्व बैंक से सिंधु जल संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने की अपील करता है.' डार ने कहा कि स्थगन पाकिस्तान को सक्षम मंच के पास जाने से एवं अपनी शिकायतों का निवारण कराने से रोकेगा.

यह पत्र किम की 12 दिसंबर की उस चिट्टी के जवाब में भेजा गया है, जिसमें उन्होंने सिंधु जल संधि को बचाने तथा भारत एवं पाकिस्तान को इस संधि एवं दो पनबिजली परियोजनाओं के संदर्भ में उसके इस्तेमाल में विपरीत हितों को सुलझाने के वास्ते वैकल्पिक पहलों पर विचार करने में मदद पहुंचाने के लिए स्थगन की घोषणा की थी.

भारत ने जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा एवं रातले पनबिजली परियोजनाओं को लेकर उसके विरुद्ध पाकिस्तान की शिकायत पर विचार करने के लिए पंचाट गठित करने एवं तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने के विश्व बैंक के फैसले पर पिछले महीने कड़ा ऐतराज जताया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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