बीजिंग:
चीन ने अगले सप्ताह होने वाले शीर्ष नेतृत्व में बदलाव से पहले ताल ठोंकते हुए कहा है कि उसने विवादित द्वीप के जलक्षेत्र से जापानी तटरक्षक बल के पोतों को बाहर कर दिया है और आगे जापान इस इलाके में नियंत्रण स्थापित नहीं कर सकता।
विवादित द्वीप के जलक्षेत्र में चीन के समुद्री निगरानी पोतों के गश्त लगाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा कि बीजिंग का रुख पूरी तरह से उचित है।
इस विवादित द्वीप को चीन ‘दियावोयू’ और जापान ‘सेनकाकुस’ कहता है। होंग ने कहा, ‘‘चीन के समुद्री निगरानी पोतों ने गश्त लगाई है।’’ इससे पहले सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चीन की समुद्री निगरानी बेड़े ने दियावोयू द्वीप के जलक्षेत्र में अवैध रूप से दाखिल होने वाले जापानी पोतों को मंगलवार की सुबह बाहर कर दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा, ‘‘बेड़े में चीन के चार निगरानी पोत शामिल थे। इन पोतों का मंगलवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे जापानी पोतों से आमना-सामना हुआ।’’ तोक्यो से मिली खबर में कहा गया है कि दोनों पक्ष के पोत अपने जलक्षेत्र में थे और उस दौरान दोनों ने एक दूसरे वह स्थान छोड़ने की मांग की। चीन के पोत 11 दिनों तक उस जलक्षेत्र में रहे।
चीन का यह आक्रामक रुख उस वक्त दिखा है, जब अगले सप्ताह यहां नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। आगामी आठ नवंबर को कम्युनिस्ट पार्टी के कांग्रेस में नेतृतव परिवर्तन पर फैसला हो सकता है।
इस विवादित द्वीप पर चीन ने अपना रुख उस वक्त कड़ा कर लिया जब जापान ने सितंबर महीने में द्वीप को उसके निजी मालिकों से खरीद लिया था।
विवादित द्वीप के जलक्षेत्र में चीन के समुद्री निगरानी पोतों के गश्त लगाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा कि बीजिंग का रुख पूरी तरह से उचित है।
इस विवादित द्वीप को चीन ‘दियावोयू’ और जापान ‘सेनकाकुस’ कहता है। होंग ने कहा, ‘‘चीन के समुद्री निगरानी पोतों ने गश्त लगाई है।’’ इससे पहले सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चीन की समुद्री निगरानी बेड़े ने दियावोयू द्वीप के जलक्षेत्र में अवैध रूप से दाखिल होने वाले जापानी पोतों को मंगलवार की सुबह बाहर कर दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा, ‘‘बेड़े में चीन के चार निगरानी पोत शामिल थे। इन पोतों का मंगलवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे जापानी पोतों से आमना-सामना हुआ।’’ तोक्यो से मिली खबर में कहा गया है कि दोनों पक्ष के पोत अपने जलक्षेत्र में थे और उस दौरान दोनों ने एक दूसरे वह स्थान छोड़ने की मांग की। चीन के पोत 11 दिनों तक उस जलक्षेत्र में रहे।
चीन का यह आक्रामक रुख उस वक्त दिखा है, जब अगले सप्ताह यहां नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। आगामी आठ नवंबर को कम्युनिस्ट पार्टी के कांग्रेस में नेतृतव परिवर्तन पर फैसला हो सकता है।
इस विवादित द्वीप पर चीन ने अपना रुख उस वक्त कड़ा कर लिया जब जापान ने सितंबर महीने में द्वीप को उसके निजी मालिकों से खरीद लिया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं