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This Article is From May 27, 2011

मेजर इकबाल दिया करता था निर्देश : हेडली

हेडली ने कहा कि उसने आईएसआई के लगभग 50 प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया था और उसे हमेशा इकबाल दिशा-निर्देश दिया करता था।
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शिकागो: मुंबई हमले के सह-आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई के चौथे दिन डेविड हेडली ने शिकागो की एक अदालत को बताया है कि आईएसआई के मेजर इकबाल और उसके बीच मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी नौसेना से जुड़ा एक व्यक्ति भी उपस्थित था। हेडली ने कहा कि उसने आईएसआई के लगभग 50 प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया था और उसे हमेशा इकबाल दिशा-निर्देश दिया करता था। इकबाल उसे लाहौर के एक सुरक्षित घर में दिशा-निर्देश देता था। पाकिस्तानी मूल के संदिग्ध आतंकवादी 50 वर्षीय हेडली ने मुंबई हमले की साजिश की विस्तृत जानकारी दी। राणा भी पाकिस्तानी मूल का नागरिक है। उस पर मुंबई हमले की साजिश में मदद का आरोप है। हेडली ने कहा कि आईएसआई ने उसे मुंबई में प्रमुख ठिकानों की टोह लेने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण दिया था। उसे लश्कर-ए-तैयबा की ओर से यह प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि आईएसआई ने मुझे जासूसी करने का प्रशिक्षण दिया। बचाव पक्ष के वकील चार्ल्स डी स्विफ्ट ने हेडली से जवाब-तलब किया। स्विफ्ट ने हेडली से पूछा कि उसके और इकबाल के बीच मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी नौसेना से जुड़ा कोई व्यक्ति मौजूद था तो हेडली ने कहा, पाकिस्तानी नौसेना से जुड़ा एक व्यक्ति मौजूद था। वह सेना के लिबास में था। वह क्लीन सेव था। इस पर वकील ने पूछा कि आप उसका नाम जानते हैं? तो हेडली ने कहा कि उसका नाम अब्दुर रहमान था। हेडली ने कहा कि वह आईएसआई में मेजर इकबाल से अधिक वरिष्ठ किसी अन्य अधिकारी को नहीं जानता था। हेडली का यह भी मानना था कि उसके लश्कर संचालक साजिद मीर का आईएसआई में अलग संचालक था। पूछताछ के दौरान हेडली ने ज्यूरी को बताया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से प्रशिक्षण इकबाल ने सड़कों पर और लाहौर में हवाई अड्डे के नजदीक एक दो मंजिला सुरक्षित घर में दिलाया था। हेडली ने अदालत से कहा कि वर्ष 2006 में जब उसने मेजर इकबाल से मुलाकात की तो उसने लश्कर से मिले सैन्य एवं खुफिया प्रशिक्षण पर असंतोष जताया था। मेजर इकबाल ने उससे कहा था कि लश्कर से मिला प्रशिक्षण बहुत अच्छा नहीं था और काफी निम्न दर्जे का था इसलिए उसने उसे निर्देश देने का निर्णय किया। सुनवाई के तीसरे दिन उसने बताया कि यह आवासीय इलाके में दो मंजिला भवन था और घर के बाहर छोटा परिसर था। ये कथन हेडली की गवाही का हिस्सा हैं जिसे दोषी ठहराया गया है। इन खुलासों ने 26/11 के हमले में आईएसआई के तत्वों की संलिप्तता के भारत के आरोपों को पुख्ता किया है और संघीय अभियोजकों द्वारा अदालत में दी गई सूचनाओं से यह मेल खाता है। हेडली ने कहा था कि उसने कई बार मुंबई में ताज होटल और सीएसटी पर रेलगाड़ी के अंदर का वीडियो बनाया था। प्रश्न : रेलवे स्टेशन पर वीडियो निगरानी क्या उस जगह से बाहर निकलने के मार्ग के लिये था? उत्तर : हां। प्रश्न : वह मेजर इकबाल की योजना थी? उत्तर : हां। प्रश्न : यह उतरने की जगह है, आप पहचानते हैं? उत्तर : हां। प्रश्न : आप क्या खोज रहे थे? उत्तर : किसी सुरक्षित जगह को तलाश रहा था जहां हमारा पता नहीं लगाया जा सके। हेडली ने कहा कि वह ताज और आसपास के इलाकों का वीडियो बनाने के लिए कई बार वहां गया और वह सात अप्रैल 2007 को ताज में अपनी दूसरी पत्नी (मोरक्को की) के साथ ठहरा था। उसने गवाही दी कि इस अवसर का उपयोग उसने वीडियो टेप बनाने और फोटो खींचने में किया और उसकी दूसरी पत्नी को इस बारे में पता नहीं था। हेडली ने कहा कि इकबाल के पास अद्वितीय मोबाइल फोन (अमेरिकी नंबर वाला) था जिस पर पाकिस्तानी उससे तब संपर्क करते थे जब वह भारत में होता था। प्रश्न : आपने मेजर इकबाल को पाकिस्तान पहुंचकर जानकारी दी। उत्तर : हां। प्रश्न : कितनी देर? उत्तर : एक घंटे, कई बार, कई बार तीन से चार बार। वह वीडियो लेता था, उसकी नकल बनाता था और अगले दिन आकर मुझसे कुछ सवाल पूछता था। उसने कहा, अप्रैल 2007 में यह स्पष्ट नहीं था कि ताज निशाने पर है। मैं इसे संभावित मानता था लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि यह उस वक्त होने जा रहा है। उसने कहा, मेजर इकबाल जब मुझसे मिला तो वहां कोई नहीं था। कभी-कभी वह कुछ लिखता था। लाहौर के सुरक्षित घर में। मुझे एक बार दिखाया गया और फिर याद किया। यह काफी आबादी वाले इलाके में है। नहीं मैं अपनी कार खुद चलाता था। वह मुझे फोन करता या मैं उसे फोन कर लेता। प्रश्न : क्या यह अद्वितीय मोबाइल फोन था? उत्तर : मेजर इकबाल के पास अद्वितीय मोबाइल फोन (अमेरिकी नंबर वाला) था। जब मैं भारत में होता था तो वह मुझसे संपर्क करता था। उसने मुझे नंबर दिया। हेडली ने कहा कि उसने कभी-कभार मुजफ्फराबाद में और कभी रावलपिंडी में साजिद मीर को जानकारी दी और यह लगभग वैसी ही जानकारी थी जो मेजर इकबाल को देता था। प्रश्न : साजिद मीर सारी बातें नहीं जानता था जबकि मेजर इकबाल जानता था? उत्तर : हां। कुछ दिनों के लिये मैं वहां रूका (साजिद मीर के पास)। प्रश्न : क्या साजिद का आईएसआई में संचालक था? उत्तर : हां। प्रश्न : इस तरह से आपको संचालित किया जाता था? उत्तर : हां, साजिद मीर का भी आईएसआई में संचालक था। हेडली ने कहा कि मई 2008 में खराब मौसम के कारण हमला रोक दिया गया। उसने कहा, पाकिस्तान में मुझे बताया गया कि वे समुद्र में यात्रा के लिए उस समय को सुरक्षित नहीं मानते। उसने कहा कि पहले योजनाबद्ध हमला सितंबर में होना था फिर अक्तूबर में और अंतत: इसे नवंबर में अंजाम दिया गया। हेडली ने कहा कि नौ नवंबर को उसके पाकिस्तानी संचालनकर्ता अब भी इस पर (हमले के बारे में) काम कर रहे थे और पहले से ज्यादा बारीकी से काम कर रहे थे। सरकारी अभियोजक के समक्ष गवाही के दौरान हेडली ने कहा कि उसने शिवसेना के राजाराम रेगे को कुछ ई-मेल भेजे थे। उसने यह भी संकेत दिया कि मेजर इकबाल की ओर से राणा ने उसे संदेश भेजे। मुंबई हमले से पहले अंतिम बार निगरानी के लिए किए गए दौरे के समय यह हुआ था। हेडली ने जुलाई 2009 में इलियास कश्मीरी के दो लोगों से मिलने और जाईलैंड्स पोस्टेन अखबार की मिकी माउस परियोजना पर चर्चा के लिये इंग्लैंड, स्वीडन और डेनमार्क की यात्रा की। हेडली ने कहा, मैंने उन्हें बताया कि कश्मीरी क्या चाहता है। मैंने परियोजना के लिए लोगों और कोष की मांग की। काफी उदासीन प्रतिक्रिया मिली, दस हजार पाउंड के बदले उन्होंने मुझे दो हजार पाउंड दिए और हथियार नहीं दिया। इसके बाद हेडली ने कोपनहेगेन की यात्रा की और जाईलैंड्स पोस्टेन की निगरानी की। अदालत में कुछ वीडियो दिखाये गये जिसमें कोपनहेगेन में हेडली निगरानी कर रहा है। इसमें किंग्स स्क्वायर का भी वीडियो है जहां अखबार का भवन है। अन्य वीडियो में कोपनहेगेन की एक परेड है। हेडली ने साजिद मीर से परेड में ग्रेनेड फेंकने के बारे में भी चर्चा की थी। हेडली ने परेड के कैप्टेन से बात भी की थी और यह पूछा था कि सैनिक जो हथियार लिये हुए हैं उसमें गोलियां भरी हुई हैं या नहीं। कैप्टेन ने कहा हां उसमें गोलियां है और जब तक खतरा नहीं हो तब तक पता नहीं चलता। हेडली ने जाईलैंड्स पोस्टेन का कई बार दौरा किया। अखबार के दफ्तर से फ्रांस का दूतावास थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। हेडली ने कोपनहेगेन रेलवे स्टेशन का भी वीडियो लिया ताकि उस मार्ग का पता लगाया जा सके जहां से हमलावर हमले के बाद भाग निकलें। हेडली ने कहा, मैंने जनवरी में भी वीडियो बनाया। हेडली ने बैरक का भी दौरा किया जहां से परेड निकलती थी। उसने कहा, एक अगस्त को मैंने राणा को संदेश भेजा कि फिलाडेल्फिया से विमान पकड़कर दस अगस्त से पहले शिकागो आ जाए। यात्रा का प्रबंध राणा ने किया।

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