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This Article is From Apr 30, 2020

COVID-19 Pandemic: डोनाल्‍ड ट्रंप बोले, पहले WHO और फिर चीन के खिलाफ कदम उठाएंगे

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को औसतन 40-50 करोड़ डॉलर की सहायता देता है और चीन 3.8 करोड़ डॉलर देता है. फिर भी डब्ल्यूएचओ चीन के लिए काम करता प्रतीत होता है. उन्हें मालूम होना चाहिए था कि चल क्या रहा है और उन्हें इसे रोकने में सक्षम होना चाहिए था.

COVID-19 Pandemic: डोनाल्‍ड ट्रंप बोले, पहले WHO और फिर चीन के खिलाफ कदम उठाएंगे
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर फिर निशाना साधा है
वॉशिंगटन:

Coronavirus Pandemic:  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर फिर निशाना साधा. उन्‍होंने इस संगठन को "चीन के हाथों की कठपुतली" बताया और कहा कि अमेरिका पहले WHO के बारे में जल्द ही कुछ सिफारिशें लेकर आएगा और उसके बाद चीन (China) के बारे में भी ऐसा ही कदम उठाया जाएगा. ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, " उन्होंने हमें गुमराह किया." उन्‍होंने व्हाइट हाउस के अपने ओवल कार्यालय में पत्रकारों से कहा, " हम जल्दी एक सिफारिश लेकर आएंगे, लेकिन हम विश्व स्वास्थ्य संगठन से खुश नहीं हैं."

ट्रंप ने कोरोना वायरस फैलने में WHO की भूमिका की जांच शुरू की है और संगठन पर महामारी के दौरान चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. जांच लंबित रहने तक राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ को अमेरिका से दी जाने वाली सहायता भी रोक दी है. यह जांच चीन की भूमिका देखेगी और साथ में यह भी पता लगाएगी कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में कैसे फैला. ट्रंप से पूछा गया था" आपने खुफिया एजेंसियों से जो जांच शुरू कराई है, उससे आप चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बारे में क्या जानने की उम्मीद कर रहे हैं? "ट्रंप ने कहा, "हम इससे खुश नहीं है और हम डब्ल्यूएचओ में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं.. और उन्होंने हमें गुमराह किया. मुझे नहीं पता. वे जो जानते थे, उन्हें उससे ज्यादा पता होना चाहिए था. "राष्ट्रपति ने कहा, " हमें वे चीजें पता हैं जो उन्हें नहीं पता थी और या वे इसे  नहीं जानते थे, या उन्होंने हमें बताया नहीं, या अब आप जानते हैं कि डब्ल्यूएचओ चीन के हाथों की कठपुतली है. इसको देखने का मेरा नजरिया यह है. "

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को औसतन 40-50 करोड़ डॉलर की सहायता देता है और चीन 3.8 करोड़ डॉलर देता है. फिर भी डब्ल्यूएचओ चीन के लिए काम करता प्रतीत होता है. उन्हें मालूम होना चाहिए था कि चल क्या रहा है और उन्हें इसे रोकने में सक्षम होना चाहिए था. एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत सारे विभिन्न लोग और समूह हैं जिन्हें अमेरिका यह धन दे सकता है और वे काफी उपयोगी होंगे. ट्रंप ने कहा, " आप इस बीमारी को फैलने से रोकने या रोकने की बात करते हैं, जिसे वहीं (चीन में) रुक जाना चाहिए था. चीन ने देश से बाहर विमानों को जाने की इजाजत दी लेकिन चीन में ही विमानों को नहीं जाने की इजाजत थी." अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, " उन्हें विमानों को बाहर जाने की इजाजत दी और विमान वुहान से बाहर आ रहे हैं. वे दुनिया भर में जा रहे हैं. वे इटली जा रहे हैं, लेकिन वे चीन में ही नहीं जा रहे हैं. "ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन बहुत स्पष्ट सिफारिश लेकर आएगा. इस विषय में चीन में जो हुआ, उसमें कुछ भी सकारात्मक नहीं था और चीन वहीं पर इस वायरस को रोक सकता था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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