
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी और इसे डॉलर कमजोर करने की साजिश बताया.
- ट्रंप ने फार्मास्यूटिकल्स पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही, लेकिन कंपनियों को लगभग डेढ़ साल का समय देने का आश्वासन दिया.
- ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत कुल 11 देश शामिल हैं, जो ट्रंप की टैरिफ नीतियों की आलोचना करते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को फिर से निशाने पर लेते हुए उनपर एक बार फिर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस समूह "हमारे डॉलर को कमजोर करने के लिए स्थापित किया गया था". मंगलवार को एक कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा: "ब्रिक्स में जो कोई भी है उसपर 10 चार्ज लगाया जाएगा." एक अन्य व्यापार मुद्दे पर, जो भारत को प्रभावित कर सकता है, ट्रंप ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स पर 200 प्रतिशत टैरिफ जल्द ही आएगा. लेकिन उन्होंने कहा कि वह "लोगों को लगभग डेढ़ साल का समय देंगे".
ब्रिक्स समुह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित 11 देश शामिल हैं. वे ट्रंप की टैरिफ नीतियों की आलोचना करते रहे हैं और उन्हें विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ बताते हैं.
एक पत्रकार ने ट्रंप को याद दिलाया कि उन्होंने सोमवार रात कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द ही होने वाला है. साथ ही उसने ट्रंप से पूछा कि प्रस्तावित ब्रिक्स टैरिफ कैस लगेगा. इसपर ट्रंप ने कहा: "जो कोई भी ब्रिक्स में है, उसपर 10 प्रतिशत चार्ज लगेगा. यदि वे ब्रिक्स के सदस्य हैं, तो उन्हें केवल उस एक चीज के लिए टैरिफ का भुगतान करना होगा, और वे लंबे समय तक सदस्य नहीं रहेंगे."
ब्रिक्स करेंसी के निर्माण को रोकने के भारत के अब तक के सफल प्रयासों के बावजूद, ट्रंप ब्रिक्स की साजिश के बारे में शिकायत करते रहे हैं. उन्होंने कहा, "ब्रिक्स की स्थापना हमें नुकसान पहुंचाने के लिए की गई थी. ब्रिक्स की स्थापना हमारे डॉलर को कमजोर करने और हमारे डॉलर को मानक के रूप में लेने, इसे मानक के रूप में हटाने के लिए की गई थी."
उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करेंगे क्योंकि यह युद्ध हारने जैसा होगा. उन्होंने कहा, "और यह ठीक है अगर वे वह खेल खेलना चाहते हैं, लेकिन मैं भी वह खेल खेल सकता हूं." उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि ब्रिक्स केवल कुछ देशों के साथ "काफी हद तक टूट गया" है.
उन्होंने कहा, ''मेरी राय में ब्रिक्स कोई गंभीर व्यवस्था नहीं है.'' लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वे डॉलर को नष्ट करना चाहते हैं "ताकि कोई अन्य देश उस पर कब्जा न कर सके और मानक न बन सके, और हम मानक नहीं खोने जा रहे हैं". दरअसल, ब्रिक्स करेंसी का भारत द्वारा विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि चीन अपने फायदे के लिए इसमें हेरफेर कर सकता है.
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