फाइल फोटो
अमेरिका ने राजनयिक देवयानी खोबरागडे के मामले में आरोप वापस लेने और उनके साथ कथित बुरे बर्ताव को लेकर माफी मांगने संबंधी भारत की दोनों मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
उधर, अमेरिकी विदेशमंत्रालय की उप−प्रवक्ता के बयान को भारत गंभीरता से नहीं लेना चाहता। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि
भारत सिर्फ दोनों सरकारों के बीच जारी उच्चस्तरीय बातचीत को अहमियत देना चाहता है। भारत और अमेरिका के बीच पिछले दो दिनों में काफी बातचीत हुई है, जो सकारात्मक रही है। दोनों देशों ने विवाद का हल निकालने के लिए कुछ विशेष कदमों को लेकर भी चर्चा की है। दरअसल, देवयानी को पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था।
विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा, हमने इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है। हम इन आरोपों से किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। फिर से बता दूं कि यह कानून के पालन का मुद्दा है। यह पूछे जाने पर कि क्या देवयानी को छोड़ दिया जाएगा और अमेरिकी अदालत से आरोपों को खारिज करने को कहा जाएगा, हर्फ ने कहा, नहीं।
हर्फ ने कहा, निश्चित रूप से हम इस प्रकार के आरोपों को बेहद गंभीरता से लेते हैं। अभियोग चलाया जाए या नहीं, यह हमारा फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हर साल प्रत्येक ऐसे देश को, जहां उसके राजनयिक हैं, वहां राजनयिक नोट के माध्यम से ‘उन दायित्वों के बारे में सूचित करता है, जिनका उन्हें अपने कर्मचारियों को अमेरिका लाने पर पालन करना होगा।
हर्फ ने कहा, हम इन दायित्वों को पूरी तरह स्पष्ट करते हैं और इन दायित्वों का पालन नहीं किए जाने के प्रत्येक आरोप को हम बेहद गंभीरता से लेते हैं इसलिए निश्चित रूप से इस पर कोई चर्चा नहीं होने जा रही है। हम केवल चाहते हैं कि प्रक्रिया आगे बढ़े। उन्होंने अमेरिकी सरकारी अभियोजक प्रीत भरारा के कथित बेहद सख्त बयान से विदेश मंत्रालय को अलग किए जाने से इनकार किया। भरारा के बयान को भारत में काफी सख्त बयान के रूप में देखा गया है।
राजनीतिक मामलों के लिए विदेश राज्य मंत्री वेंडी शेरमन और भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस प्रकार की रिपोर्टें आई हैं।
भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान को काटते हुए हर्फ ने कहा कि उनके और विदेश मंत्री जॉन कैरी के बीच किसी बातचीत की योजना नहीं थी और अभी भी ऐसा कुछ नहीं है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, कोई योजना नहीं है, कैरी द्वारा खुर्शीद को फोन करने की।
हर्फ ने कहा, मेरा कहने का मतलब है कि वह (कैरी) हमेशा बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भारत में आज इस बारे में कुछ गलत रिपोर्टिंग हुई है कि वह ऐसी कोई योजना बना रहे हैं, लेकिन ऐसा मामला नहीं है। खुर्शीद ने दिल्ली में मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा था कि उनकी कैरी के साथ बातचीत की कोई योजना थी।
उन्होंने बताया कि कैरी की छुट्टियों में परिवार के साथ हैं और वह छुट्टियों के बाद वाशिंगटन लौटेंगे।
एक दिन पहले कैरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से फोन पर बात की थी और देवयानी के साथ कथित व्यवहार पर खेद जताया था। भारतीय राजनयिक को वीजा जालसाजी आरोपों पर गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके साथ कथित बुरे बर्ताव की खबरें हैं।
कैरी के फोन करने से दोनों देशों के बीच संबंधों में अचानक बढ़ा तनाव शांत होता दिख रहा था।
हर्फ ने कहा, हम बार-बार यह दोनों संदेश दे रहे हैं कि जो कुछ हुआ उस पर खेद है, लेकिन यह भी कि यहां से हम आगे कैसे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, यह संदेश हम लगातार उचित राजनयिक चैनलों के माध्यम से, राजनयिक तरीके से भारत सरकार को भेज रहे हैं।
नौकरानी संगीता रिचर्ड के ससुर के नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में काम करने की बात को स्वीकार करते हुए हर्फ ने कहा, मैं पुष्टि करती हूं कि वह करते थे या करते हैं... मुझे मौजूदा स्थिति का नहीं पता... उन्हें एक अमेरिकी राजनयिक ने निजी स्तर पर नौकरी पर रखा था.. लेकिन अमेरिकी कर्मचारी के रूप में नहीं।
हर्फ ने भारत के इन आरोपों को ‘बेहद गलत’ बताया कि अमेरिका ने उसके द्वारा भेजे गए पत्रों और बातचीत का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, यह कहना बेहद गलत है कि हमने इस मुद्दे पर भारत सरकार के किसी संदेश को नजरअंदाज किया, लेकिन उन्होंने मामले की कानूनी प्रकृति को देखते हुए इस बारे में ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, हम अभी भी इस मामले पर दोनों सरकारों के बीच हुए संवाद को सिलसिलेवार तरीके से संकलित करने में लगे हैं, जो कि महीनों पहले से जारी है। इसमें से कुछ निजी राजनयिक बातचीत है या कानून पालन के संबंध में संवेदनशील जानकारी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुद्दों को लेकर भारत और अमेरिका की व्याख्याओं तथा आरोपों ने पूरे परिदृश्य में एक भूमिका अदा की है ।
हर्फ ने कहा, लेकिन मैं कहूंगी कि भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर वाशिंगटन में, न्यूयॉर्क में और नई दिल्ली में गहन बातचीत में शामिल है, जो गर्मियों से चली आ रही है।
उन्होंने कहा, हमने भारत सरकार से यह अपील भी की है कि वह डॉ. खोबरागडे की घरेलू नौकर द्वारा लगाए गए कथित आरोपों के बारे में अपनी जांच की रिपोर्ट हमें उपलब्ध कराए और चर्चा के लिए उसे उपलब्ध कराएं। मुझे नहीं लगता कि दोनों में से कुछ भी किया गया है।
लापता भारतीय नौकरानी के परिवार के करीबी सदस्यों को वीजा उपलब्ध कराने के अमेरिकी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए हर्फ ने कहा कि यह परिवार को मिलाने के प्रयासों का हिस्सा था। उन्होंने कहा, अमेरिकी सरकार ने कथित पीड़ित को उसके परिवार से मिलाने का फैसला किया। निश्चित रूप से, मैं इसकी बारीकियों में नहीं जाना चाहती। हर्फ ने तर्क दिया, हमें इन आरोपों की जानकारी है कि भारत में परिवार को धमकाया जा रहा था। निश्चित रूप से, हम इनकी पुष्टि नहीं कर सकते। लेकिन आमतौर पर हम ऐसे आरोपों को गंभीरता से लेते हैं।
1999 बैच की 39 वर्षीय आईएफएस अधिकारी देवयानी को 12 दिसंबर को वीजा जालसाजी के आरोपों में विदेश विभाग के राजनयिक सुरक्षा ब्यूरो ने गिरफ्तार कर अमेरिकी मार्शल्स सर्विस को सौंप दिया था। राजनयिक न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन में नियुक्त हैं।
उधर, अपनी शिकायत में नौकरानी ने देवयानी पर उसे कम वेतन देकर और अधिक घंटे काम करवा कर अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
देवयानी को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थी । बाद में उन्होंने अदालत में खुद को निर्दोष बताया जिसके बाद उन्हें 250, 000 अमेरिकी डालर के मुचलके पर रिहा किया गया।
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