Copronavirus: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग ने कोरोनो वायरस के बारे में दुनिया को सूचित करने में देरी करने के लिए बीजिंग को दोषी ठहराने और इसे प्रतिशोधात्मक प्रयासों बताने की बात खारिज कर दी. क्रेमलिन ने यह जानकारी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन की ओर से चीन की अधिक तेजी से डेटा शेयर नहीं करने को लेकर निंदा किए जाने के बाद पुतिन और शी ने यह बात कही.
वाशिंगटन उस कोरोनो वायरस की उत्पत्ति की भी जांच कर रहा है जिसने दुनिया भर में 138,700 से अधिक लोगों की जान ले ली है. उसका कहना है कि वह इस बात से इनकार नहीं करता कि यह चीन के वुहान में चमगादड़ों पर शोध करने वाली प्रयोगशाला से आया है.
क्रेमलिन ने कहा कि गुरुवार को शी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान पुतिन ने चीन की लगातार और प्रभावी कार्रवाई की प्रशंसा की, जिससे देश में महामारी की स्थिति पर लगाम लग सकी.
दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर व्हाइट हाउस का नाम नहीं लिया, लेकिन दुनिया को जल्दी से एक खतरनाक नए संक्रमण के रूप में पर्याप्त रूप से सूचित नहीं करने के लिए चीन को दोषी ठहराने के प्रयासों को "प्रतिशोध" बताया.
पिछले साल के अंत में इस महामारी के चीन में उभरने के बाद से दुनिया को गर्त में पहुंचा दिया है. मानवता का आधा हिस्सा इस त्रासदी को झेलने के लिए मजबूर हो गई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का पतन हो गया है.
क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन और शी ने दोनों देशों की "रणनीतिक साझेदारी" पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों रूस और चीन के विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और चिकित्सा उपकरणों, सुरक्षात्मक गियर और दवाओं की आपूर्ति करके महामारी के दौरान एक-दूसरे की मदद करने के लिए तैयार हैं.
पुतिन के कार्यालय ने कहा कि "दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे देश सफलतापूर्वक निकट सहयोग से महामारी से संबंधित चुनौतियों से पार पाने में सक्षम होंगे."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं