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This Article is From Jan 28, 2020

Coronavirus से लड़ने के लिए युद्धस्‍तर पर लगा चीन, वूहान में 10 दिन में तैयार होगा 1000 बेड वाला स्पेशल हॉस्पिटल

3 फरवरी तक अस्पताल के काम को पूरा कर लिया जाएगा और कोरोना वायरस से पीड़ितों के लिए इसे शुरू कर दिया जाएगा. इस अस्पताल का निर्माण 25,000 स्क्वेर मीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है.

Coronavirus से लड़ने के लिए युद्धस्‍तर पर लगा चीन, वूहान में 10 दिन में तैयार होगा 1000 बेड वाला स्पेशल हॉस्पिटल
25,000 स्क्वेर मीटर में 10 दिन में बनाया जा रहा है यह अस्पताल.
वूहान:

चीन में कोरोना वायरस (Corona Virus) काफी तेजी से फैल रहा है. इस वायरस का केंद्र वूहान (Wuhan) बताया जा रहा है. इस वजह से चीन की सरकार वूहान में 10 दिन के अंदर एक नया अस्पताल बनाने वाली है. इस अस्पताल को बनाने का काम 23 जनवरी को शुरू किया गया था. सीजीटीएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 3 फरवरी तक अस्पताल के काम को पूरा कर लिया जाएगा और कोरोना वायरस से पीड़ितों के लिए इसे शुरू कर दिया जाएगा. इस अस्पताल का निर्माण 25,000 स्क्वेर मीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है. शुरुआत में इस अस्पताल में 1,000 बेड लगाए जाएंगे. 

वूहान में मौजूद सरकारी अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए बनाए जा रहे इस अस्पताल का नाम ''होशेंसन अस्पताल'' रखा गया है. एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, ''इस अस्पताल का निर्माण सभी मानकों का सख्ती से पालन करते हुए किया जा रहा है''. 

आपको बता दें, कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 106 हो गई है. वहीं कोरोना वायरस के 4,500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. चीन के अलावा कई अन्य देशों में भी कोरोनावायरस के मामले सामने आने लगे हैं. इनमें थाइलैंड में सात मामले, जापान में तीन, दक्षिण कोरिया में तीन, अमेरिका में तीन, वियतनाम में दो, सिंगापुर में चार, मलेशिया में तीन, नेपाल में एक, फ्रांस में तीन, ऑस्ट्रेलिया में चार और श्रीलंका में एक मामला सामने आया है.

चीन में कोरोनावायरस के कारण अब तक 106 लोगों की जान जा चुकी है और अब तक करीब 1,300 नए मामलों की पुष्टि हुई है. वहीं कोरोनावायरस के कारण सोमवार को बीजिंग और शंघाई में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. बीजिंग में सोमवार तक आठ नए मामले सामने आए जिसके साथ यहां संक्रमित कुल मामलों की संख्या 80 पर पहुंच गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि चीन में इस घातक विषाणु के वैश्विक जोखिम का आकलन करने में उससे गलती हुई. उसने कहा कि जोखिम 'मध्यम' श्रेणी में नहीं बल्कि उच्च श्रेणी में है.

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