
सिपाही को मारा, उसकी वर्दी फाड़ी. सिपाही को सात पुश्तों की गाली दी गई. दोस्तों संग मिलकर पुलिस वाले को उसका ही चौकी में खूब पीटा. मगर यूपी पुलिस की फाइल में ऐसा करने वाला अदृश्य हो गया है. उसे कोई नहीं जानता है. सिपाही की पिटाई वाले मुकदमे में भी उसका नाम नहीं है. जमीन खा गई या फिर आसमान निगल गया. इसका जवाब लखनऊ के पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र सेंगर के पास भी नहीं है. सूत्र बताते हैं कि ऐसा करने वाला सीनियर IPS अफसर का बेटा है. उसके पिता ADG हैं. अब उसको बचाने के लिए लखनऊ पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है.
सिपाही के साथ क्यों हुई मारपीट
लखनऊ के हज़रतगंज इलाके की घटना है. यूपी पुलिस के एडीजी रैंक के अफसर के बेटे अपने तीन दोस्तों संग पहुंचे थे. ये सब सरकारी इनोवा गाड़ी में थे. गाड़ी में नीली बत्ती लगी थी. इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात सिपाही अर्जुन चौरसिया को लगा कुछ गड़बड़ है. वे गाड़ी के पास पहुंचे तो देखा सब किसी बात पर आपस में झगड़ रहे हैं. उन्हें शक हुआ कि इनोवा में बैठे लड़के शराब के नशे में हैं. सिपाही अर्जुन ने उन्हें वहां से गाड़ी हटाने को कहा. बस इसी बात पर गाड़ी में सवार लड़के नीचे उतरे. अपशब्द कहे.
सिपाही को घसीट कर ले गए
इनोवा से बाहर निकल कर चारों लड़के सिपाही को घसीट कर पास के स्टेडियम चौकी ले गए. उनमें से एडीजी के बेटे ने कहा इस पुलिस वाले को तो इसकी चौकी में ही पीटेंगे. अर्जुन को चौकी में ले जाकर खूब पीटा. उसकी वर्दी तक फाड़ दी. चौकी में रखे सामान को इधर उधर फेंक दिया. सिपाही अर्जुन को कहा जानते तो नहीं हो हमें, वर्दी उतरवा देंगे. जान ले लेंगे तुम्हारी. मारपीट पर विवाद बढ़ा तो थाने की पुलिस चौकी पर आ गई. किसी तरह से बीच बचाव किया गया. इसी दौरान एक लड़का वहां से भाग गया. बताया जाता है कि वही लड़का एडीजी का बेटा था.
शराब के नशे में धुत्त थे आरोपी
सीनियर आईपीएस के बेटे के भाग जाने के बाद मौक़े पर तीन ही लड़के बचे. सिपाही अर्जुन का आरोप है कि सब शराब के नशे में धुत थे. एफआईआर के मुताबिक जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार को पुलिस ने थाने में रोक लिया. तीनों आरोपी को ज़मानत पर छोड़ दिया गया. पुलिसवाले के साथ मारपीट की घटना 29 मई की है. पर इस बारे में मुक़दमा 11 जून को दर्ज हुआ.
एडीजी के बेटे पर केस क्यों नहीं
पर इस पूरे मामले में लखनऊ पुलिस के रोल को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पहली तो यही है कि आखिर एडीजी के बेटे पर केस अब तक क्यों नहीं हुआ है. जबकि उसने ही सबसे ज़्यादा सिपाही से मारपीट की. वहीं गालियां भी दे रहा था. फिर उसके बारे में सब कुछ क्यों छिपाया जा रहा है. क्या सीनियर IPS का बेटा होने पर पुलिस उस पर कार्रवाई करने से बच रही है. उसके बाक़ी तीनों साथियों को क्यों छोड़ दिया गया. सिपाही अर्जुन चौरसिया को जबरन छुट्टी पर क्यों भेज दिया गया है !!
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