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आईएमए पासिंग आउट परेड: भारतीय सेना को मिले 419 जांबाज अधिकारी, 9 देशों के 32 कैडेट्स भी पास

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान कैडे्टस का उत्‍साह और उमंग देखते ही बनता था. परेड के बाद उन पर हेलीकॉप्‍टर से फूलों की बारिश भी की गई. इस अवसर पर पास आउट होने वाले कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहे.

आईएमए पासिंग आउट परेड: भारतीय सेना को मिले 419 जांबाज अधिकारी, 9 देशों के 32 कैडेट्स भी पास
देहरादून:

देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) में शनिवार को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. परेड में 451 कैडेट्स पास आउट हुए, जिसमें 419 भारतीय और 9 मित्र देशों के 32 कैडेट्स शामिल थे. आईएमए में गहन प्रशिक्षण के बाद अब सभी भारतीय कैडेट्स सेना में अधिकारी बन गए हैं और बतौर लेफ्टिनेंट देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे. पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि के रूप में श्रीलंका की सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीके जीएम लसंथा रोड्रिगो मौजूद रहे. रोड्रिगो 1990 में भारतीय सैन्य अकादमी से ही पास आउट हैं. 

पासिंग आउट परेड के दौरान कैडे्टस का उत्‍साह और उमंग देखते ही बनता था. परेड के बाद उन पर हेलीकॉप्‍टर से फूलों की बारिश भी की गई. इस अवसर पर पास आउट होने वाले कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहे. कड़ी मेहनत के बाद सेना में अफसर बनने की खुशी का कोई सानी नहीं था. इस दौरान उन्‍होंने अपनी इस सफलता पर खुशी जताई और कहा कि कड़ी मेहनत के बाद उन्हें यह सफलता मिली है. 

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आप भारतीय सैन्य अकादमी के एंबेसडर: रोड्रिगो

पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि श्रीलंका के सेना प्रमुख लासाथा रोड्रिगो ने परेड की सलामी ली और अपने संबोधन में कहा कि जो विदेशी कैडेट पास आउट होकर जा रहे हैं, वह एक सैनिक के तौर पर जा रहे हैं. लेकिन वह भारतीय सैन्य अकादमी के एंबेसडर भी हैं. उन्होंने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप बहुत ही अनुशासन के साथ काम करते हैं.  

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ये कैडेट्स रहे अव्वल

  • स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल: अनिल नेहरा
  • गोल्ड मेडल: रोनित रंजन
  • ब्रॉन्ज मेडल: अनुराग वर्मा
  • टीईएस सिल्वर: कपिल
  • टीजी सिल्वर: आकाश भदौरिया
  • चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: केरन कंपनी
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चार साल की मेहनत के बाद आया ये पल: घोसालकर

इस मौके पर अफसर बने मुंबई के स्वराज घोसालकर का कहना है कि उनकी मेहनत रंग लाई है. चार साल की कड़ी मेहनत के बाद ये खुशी का पल आए हैं. उन्‍होंने बताया कि अब वह देश की सेवा करेंगे. अपनी ट्रेनिंग के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि हर दिन उन्‍हें लगता था कि कब यह ट्रेनिंग पूरी होगी और कभी कभी महसूस होता था कि वह यह ट्रेनिंग पूरी कर भी पाएंगे या नहीं, लेकिन आज सेना में अधिकारी बन गए हैं. 

घोसालकर के माता सुरक्षा घोसालकर और पिता शशांक घोसालकर ने कहा कि आज उनका सपना पूरा हो गया है. आज उन्‍हें महसूस हो रहा है कि उनका बेटा नहीं, वह खुद एक सैन्य अधिकारी बन गए हैं. पहले एनडीए में कड़ी मेहनत की और उसके बाद घोसालकर इंडियन मिलिट्री अकादमी में ट्रेनिंग करने पहुंचे थे. 

बेटी के बाद अब बेटे को भी मिला कमीशन

हिमाचल प्रदेश के बीएस धायल भारतीय सेवा में अधिकारी हैं. उनके दो जुड़वा बच्‍चे हैं और दोनों अब सैन्‍य अधिकारी हैं. उन्‍होंने बताया कि बेटी दिव्या पहले ही कमीशन हो चुकी है और इस साल बेटा भी इस साल पास आउट हुआ है. उन्‍होंने बताया कि बेटा दिग्विजय का सैन्‍य अधिकारी बनना उनके लिए गौरव का क्षण है. 

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