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This Article is From Aug 31, 2023

10,000 रुपये की मिनिमम पेंशन पाने के लिए उठा लें इस सरकारी योजना का ऐसे फायदा

NPS एक सरकारी निवेश की स्कीम है. पहले सरकारी फिर 2009 से यह स्कीम सभी कैटेगरी के लोगों के लिए खोल दी गई थी. खास बात यह है कि एनपीएस के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60% निकाल सकते हैं और बची हुई 40% राशि पेंशन योजना में चली जाती है.

10,000 रुपये की मिनिमम पेंशन पाने के लिए उठा लें इस सरकारी योजना का ऐसे फायदा
एनपीएस के फायदे: 10000 रुपये की पेंशन हर महीना.
नई दिल्ली:

हर आदमी को एक न एक दिन रिटायर होना होता है. चाहे सरकारी नौकरी हो या फिर प्राइवेट नौकरी. अभी भी कुछ सरकारी नौकरी में पेंशन तो मिलती है. बाकी में सरकार ने कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम लागू की है. राजनीति के चलते अब कई सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली भी कर दी है. संभव है कि यह एक बार फिर पूरे देश में लागू हो जाए. लेकिन यह बात तो केवल सरकारी कर्मचारियों की हुई. प्राइवेट नौकरी करने वालों का क्या होगा. करोड़ों उन लोगों का क्या होगा जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. उनकी सामाजिक सुरक्षा का क्या होगा. यह चिंता सरकारों की भी रही है. इसी के जवाब में 2004 में एनपीएस को लागू किया गया. ये एनपीएस क्या है इस बारे में हम बात कर चुके हैं.

यहां पर पढ़ें - प्राइवेट नौकरी करने वाला भी पा सकता है पेंशन, सरकार की इस पेंशन योजना का उठाएं लाभ

यह तो जानकारी दी जा चुकी है कि NPS एक सरकारी निवेश की स्कीम है. पहले सरकारी फिर 2009 से यह स्कीम सभी कैटेगरी के लोगों के लिए खोल दी गई थी.  खास बात यह है कि एनपीएस के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60% निकाल सकते हैं और बची हुई 40% राशि पेंशन योजना में चली जाती है.

NPS के फायदे भी हैं. यह पर जमा पैसे में टैक्स में छूट भी दी जाती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत ग्रॉस इनकम का 10 फ़ीसदी का टैक्स में डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. सेक्शन 80 CCE के तहत यह लिमिट 1.5 लाख है.

बता दें कि नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम निवेश की सीमा 6000 रुपये है. यदि न्यूनतम सीमा जितना निवेश नहीं किया जाता है तो अकाउंट फ्रीज कर दिया जाता है और फिर अकाउंट डिफ्रीज करवाने के लिए 100 रुपये की पेनल्टी भी देनी होगी.

आपको भी है पेंशन पाने का हक, पेंशन के लिए कर लें ये प्रक्रिया पूरी

नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System, NPS) में 10,000 रुपये का पेंशन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता है.
सबसे पहले पंजीकरण या कहें रजिस्ट्रेशन
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में पंजीकरण करने के लिए, किसी भी एनपीएस पेंशन फंड के वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करना होगा. आवश्यक दस्तावेज़ों को सत्यापित करने की आवश्यकता होगी. इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, पता प्रमाण पत्र, आदि कुछ महत्वपूर्ण जानकारी  से जुड़े दस्तावेज होते हैं.

पेंशन पाने की न्यूनतम योग्यता : NPS की पेंशन योग्यता आयु सीमा 60 वर्ष रखी गई है. यहां पर यह भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि कम से कम NPS में 10 वर्ष की सदस्यता होनी चाहिए. यानी जो आदमी 60 वर्ष की आयु में सदस्यता लेगा उसे 70 वर्ष की आयु तक एनपीएस में पैसे जमा कराने होंगे. कुल मिलाकर यह मान लें कि आयु और सदस्यता मानदंड पूरे होते हैं, तो पेंशन मिलेगी.

करना होता है निवेश : NPS में पेंशन प्राप्त करने के लिए निवेश करना आवश्यक होता है. NPS खाते में नियमित रूप से निवेश करना होता है. किस आयु में एनपीएस से जुड़ा गया है और कितना पैसा जमा कराया जा रहा है, उसके आधार पर पेंशन तय होती है. इस बारे में पहले ही जानकारी ली जा सकती है.

पेंशन योजना का उचित चयन : किसी आदमी की कितनी अपेक्षा है कि वह कितनी धनराशि पेंशन के रूप में चाहता है, उसके आधार पर पेंशन स्कीम को चुना जा सकता है. एक न्यूनतम निधि राशि का चयन करना होता है जिसके आधार मासिक पेंशन को निर्धारित किया जाता है. इसके अलावा, समय-समय पर इस न्यूनतम राशि को बदलने की अनुमति भी मिलती है.

पेंशन प्राप्ति कब से हो सकती है- कोई भी आदमी कम से कम 60 वर्ष की आयु के बाद ही पेंशन की राशि प्राप्त कर सकता है.

अब इस बारे में चर्चा करते हैं कि कैसे 10000 रुपये प्रति माह से अधिक पेंशन लिया जा सकता है. इसके लिए कितना निवेश करना होगा और किस उम्र में फंड में निवेश आरंभ कर देना चाहिए.

पहला उदाहरण देखें..

यहां पर यह देख रहे हैं कि ग्राहक की जन्मतिथि एक दिसंबर 1976 है. यानी एनपीएस कैलकुलेटर के हिसाब से 44 साल. वह 60 साल के बाद पेंशन 1000 की पेंशन प्राप्त करना चाहता है. तो उसे कम से कम 9000 रुपये हर महीने खाते में जमा करानी होगी. ऐसे में इनका 16 वर्ष तक कंट्रीब्यूशन होगा. यदि फंड में 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष के हिसाब से रिटर्न मिलता है, 40 फीसदी का फंड एनुइटी में जाता है और यहां पर सात प्रतिशत का रेट है तब क्या हिसाब बनता है.

यह स्कीम देखें - 5000 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए गरीब और असंगठित क्षेत्र के कामगार क्या करें, जानें यहां

60 वर्ष तक जमा करने पर 17,28,000 रुपये का निवेश होगा. इस पर टोटल कॉर्पस 42,69,211 रुपये का बनेगा.  इतना करने पर जमाकर्ता को रिटायरमेंट के बाद 9961 रुपये प्रतिमाह का वेतन प्राप्त होगा. इससे समझ में आ गया होगा कि निवेश कैसे करना चाहिए.

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दूसरा  उदाहरण, 

यहां पर हमने पेंशन स्कीम लेने वाले की आयु एक दिसंबर 1983 मान ली है. यानी आज के समय वह 40 वर्ष का है. यदि यह 60 वर्ष के बाद से पेंशन लेना चाहता है तो इसके लिए इन्हें 9000 रुपये हर महीने देने होंगे. इस हिसाब से देखा जाए तो यह जनाब 20 वर्षों तो अपने पेंशन फंड में पैसा जमा करेंगे. नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट की साइट पर दिए गए कैलकुलेटर के हिसाब से यदि 10 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिलता है. साथ ही जरूरी 40 प्रतिशत की एनुइटी रखी जाती है. इस पर 7 प्रतिशत की एनुइटी पर रेट मिलता है तो रिटायरमेंट पर पेंशन खाते में निवेशक का जमा 21,60,000 रुपये होगा और कुल कॉर्पस फंड 68,91,273 रुपये का हो जाएगा.

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इस जमा पर स्कीम धारक को हर महीने 16080 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिलेगी. यानी 10000 रुपये से काफी ज्यादा...

आप भी अपने लिए एनपीएस कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं... यहां क्लिक करें.
 

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