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मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल

'मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल' - 3 News Result(s)
  • Covid-19 के मरीजों के शवों के साथ गलत व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

    Covid-19 के मरीजों के शवों के साथ गलत व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने इस मामले पर खुद संज्ञान  लिया और मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस, एम. आर शाह की पीठ को सौंपी है. दरअसल पिछले दिनों कोरोना रोगियों के शवों का अनादर करने वाली कई रिपोर्ट सामने आईं जो कि संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.बता दें कि पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी CJI को चिट्ठी लिखकर कोरोना के रोगियों के शवों के साथ बर्ताव पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया था. 

  • जस्टिस रंजन गोगोई आज लेंगे देश के 46वें CJI पद की शपथ, जानिये उनके बारे में सबकुछ...

    जस्टिस रंजन गोगोई आज लेंगे देश के 46वें CJI पद की शपथ, जानिये उनके बारे में सबकुछ...

    सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्‍ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई बुधवार को देश के अगले मुख्‍य न्‍यायाधीश का पदभार संभालेंगे. उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शपथ दिलाएंगे. इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ केसों की सुनवाई करेंगे. जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्‍तर भारत के पहले मुख्‍य न्‍यायधीश होंगे. जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्‍यायाधीश होंगे और 17 नंवबर, 2019 तक उनका कार्यकाल होगा. जस्जिट गोगोई 10 बजकर 45 मिनट पर देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. बता दें कि न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने न्यायपालिका के शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए एक लंबा सफर तय किया है. 18 नवंबर, 1954 को जन्मे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बॉस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई (63) जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ संवाददाता सम्मेलन कर तथा उसके चार महीने बाद अपने एक बयान से सुर्खियों में आए थे.

  • मद्रास HC में वकीलों ने तमिल भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

    मद्रास HC में वकीलों ने तमिल भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

    मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल भाषा को अदालती काम काज की भाषा बनाए जाने की मांग जोर पकड़ती दिख रही है। यह मांग कर रहे वकीलों के एक समूह ने सोमवार को मुंह पर काली पट्टी बांधी और अदालत के कमरे में धरने पर बैठ गए।

'मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल' - 3 News Result(s)
  • Covid-19 के मरीजों के शवों के साथ गलत व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

    Covid-19 के मरीजों के शवों के साथ गलत व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, आज होगी सुनवाई

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने इस मामले पर खुद संज्ञान  लिया और मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस, एम. आर शाह की पीठ को सौंपी है. दरअसल पिछले दिनों कोरोना रोगियों के शवों का अनादर करने वाली कई रिपोर्ट सामने आईं जो कि संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.बता दें कि पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी CJI को चिट्ठी लिखकर कोरोना के रोगियों के शवों के साथ बर्ताव पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया था. 

  • जस्टिस रंजन गोगोई आज लेंगे देश के 46वें CJI पद की शपथ, जानिये उनके बारे में सबकुछ...

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    सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्‍ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई बुधवार को देश के अगले मुख्‍य न्‍यायाधीश का पदभार संभालेंगे. उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शपथ दिलाएंगे. इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ केसों की सुनवाई करेंगे. जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्‍तर भारत के पहले मुख्‍य न्‍यायधीश होंगे. जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्‍यायाधीश होंगे और 17 नंवबर, 2019 तक उनका कार्यकाल होगा. जस्जिट गोगोई 10 बजकर 45 मिनट पर देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. बता दें कि न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने न्यायपालिका के शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए एक लंबा सफर तय किया है. 18 नवंबर, 1954 को जन्मे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बॉस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई (63) जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ संवाददाता सम्मेलन कर तथा उसके चार महीने बाद अपने एक बयान से सुर्खियों में आए थे.

  • मद्रास HC में वकीलों ने तमिल भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

    मद्रास HC में वकीलों ने तमिल भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

    मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल भाषा को अदालती काम काज की भाषा बनाए जाने की मांग जोर पकड़ती दिख रही है। यह मांग कर रहे वकीलों के एक समूह ने सोमवार को मुंह पर काली पट्टी बांधी और अदालत के कमरे में धरने पर बैठ गए।