'टैक्स प्लानिंग'

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  • Tax | राजीव मिश्र |गुरुवार जुलाई 5, 2018 03:36 PM IST
    ज़्यादातर नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरना, या वित्तवर्ष की शुरुआत में उससे जुड़ी बचत घोषणाएं करना झंझट का काम लगता है, क्योंकि बहुत-से लोगों को इसकी बारीक समझ नहीं होती. वैसे, सही बचत घोषणाएं करने से कोई भी शख्स इनकम टैक्स बचा भी सकता है, और सालभर के लिए अपने खर्चों की प्लानिंग भी बेहतर तरीके से कर सकता है.
  • File Facts | Written by: राजीव मिश्र |बुधवार अप्रैल 18, 2018 03:41 PM IST
    सरकारी नौकरी में पहले लोगों को पेंशन की टेंशन नहीं होती थी. लेकिन अब प्राइवेट हो या सरकारी नौकरी (सेना को छोड़कर) सभी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की टेंशन होने लगती है. कई बार तो ऐसा भी होने लगा है कि लोग अपनी जरूरत की चीजें भी पेंशन के चक्कर में नहीं लेते और पैसा इकट्ठा करने में परेशान हो जाते हैं. इसके चलते यह भी हो जाता है कि टैक्स की टेंशन दूसरी तरफ परेशान करने लगती है. ऐसे में अगर व्यक्ति फाइनेंशियल प्लानिंग के तहत पेंशन स्कीम में पैसा लगाता है तो उसे अपने बुढ़ापे की टेंशन नहीं लेनी होगी. देश में सरकार की ओर से और निजी कंपनियों की ओर से पेंशन योजनाएं लाई गई हैं.
  • Your Money | Written by: राजीव मिश्र |मंगलवार मई 1, 2018 02:08 PM IST
    सरकारी नौकरी में पहले लोगों को पेंशन की टेंशन नहीं होती थी. लेकिन अब प्राइवेट हो या सरकारी नौकरी (सेना को छोड़कर) सभी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की टेंशन होने लगती है. कई बार तो ऐसा भी होने लगा है कि लोग अपनी जरूरत की चीजें भी पेंशन के चक्कर में नहीं लेते और पैसा इकट्ठा करने में परेशान हो जाते हैं. इसके चलते यह भी हो जाता है कि टैक्स की टेंशन दूसरी तरफ परेशान करने लगती है. ऐसे में अगर व्यक्ति फाइनेंशियल प्लानिंग के तहत पेंशन स्कीम में पैसा लगाता है तो उसे अपने बुढ़ापे की टेंशन नहीं लेनी होगी. देश में सरकार की ओर से और निजी कंपनियों की ओर से पेंशन योजनाएं लाई गई हैं.
  • File Facts | Written by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार दिसम्बर 29, 2017 01:10 PM IST
    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...
  • Business | Written by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार दिसम्बर 29, 2017 01:09 PM IST
    हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं, जिसके ज़रिये कुछ हज़ार रुपये मासिक का निवेश कर आप कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की टैक्स फ्री कमाई कर सकते हैं...
  • Business | पूजा प्रसाद |मंगलवार अगस्त 23, 2016 12:56 PM IST
    कहते हैं, पैसा हाथ का मैल है. लेकिन यह भी सच है कि हर कोई 'इस' हाथ के मैल को अपने पास रखना चाहता है और अपनी जरूरत और इच्छानुसार इस्तेमाल करना चाहता है. ऐसे में कई बार यह भी होता है कि जाने अनजाने कुछ ऐसी गलतियां हम कर बैठते हैं कि पैसा मुट्ठी से रेत की तरह फिसलने लगता है.
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