Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जनवरी 3, 2019 11:56 AM IST सावित्री बाई ने पहला स्कूल नहीं खोला, पहली अध्यापिका नहीं बनीं, बल्कि भारत में औरतें अब वैसी नहीं दिखेंगी जैसी दिखती आई हैं, इसका पहला जीता जागता मौलिक चार्टर बन गईं. उन्होंने भारत की मरी हुई और मार दी गई औरतों को दोबारा से जन्म दिया.