Filmy | इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |मंगलवार सितम्बर 13, 2016 03:01 PM IST गीतकार, पटकथा लेखक और विज्ञापन गुरु प्रसून जोशी का कहना है कि उन्हें ऐसे बोल वाले गीत नहीं भाते, जो अटपटे हों. ऐसे गीत और उसकी धुन सुनकर उनका खून खौल उठता है. प्रसून ने बताया, "जब मैंने इस प्रकार के गीत और उनके बोल सुने, मेरा खून खौल उठा था. मैं काफी नाखुश और गुस्से से भरा हुआ था. मनोरंजन के लिए आप किसी भी चीज के साथ समझौता नहीं कर सकते."