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स्वच्छ भारत मिशन में शामिल महाराष्ट्र का एक गांव, जहां 'दलितों के लिए कोई शौचालय नहीं'
- Friday July 29, 2016
- Reported by: भाषा
महाराष्ट्र के पोखरी गांव को एक वर्ष पहले खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था, जहां कुछ अन्य पिछड़ी जाति के लोग भी रहते हैं और उनका दावा है कि उन्हें खुले में शौच करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें शौचालय बनाने के लिए अभी धनराशि नहीं मिली है।
- ndtv.in
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स्वच्छ भारत मिशन को 1.5 अरब डॉलर की मदद देगा विश्व बैंक
- Thursday March 24, 2016
- Reported by: Bhasha
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन के लिए विश्व बैंक की 1.5 अरब डाॅलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) की मदद को आज मंजूरी दे दी। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद यह जानकारी दी।
- ndtv.in
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सिंगापुर से ले सकते हैं सफाई के सबक : अध्ययन
- Friday April 17, 2015
साल 2019 तक खुले में शौच करने की प्रथा खत्म करने के लक्ष्य को लेकर भारत के स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के बीच एक अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि झुग्गी बस्तियों को सुरक्षित पेय जल और उचित स्वच्छता के मामले में सिंगापुर जैसे पूर्वी एशियाई देशों से सबक सीख सकते हैं।
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स्वच्छ भारत मिशन में शामिल महाराष्ट्र का एक गांव, जहां 'दलितों के लिए कोई शौचालय नहीं'
- Friday July 29, 2016
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महाराष्ट्र के पोखरी गांव को एक वर्ष पहले खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था, जहां कुछ अन्य पिछड़ी जाति के लोग भी रहते हैं और उनका दावा है कि उन्हें खुले में शौच करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें शौचालय बनाने के लिए अभी धनराशि नहीं मिली है।
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स्वच्छ भारत मिशन को 1.5 अरब डॉलर की मदद देगा विश्व बैंक
- Thursday March 24, 2016
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन के लिए विश्व बैंक की 1.5 अरब डाॅलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) की मदद को आज मंजूरी दे दी। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद यह जानकारी दी।
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सिंगापुर से ले सकते हैं सफाई के सबक : अध्ययन
- Friday April 17, 2015
साल 2019 तक खुले में शौच करने की प्रथा खत्म करने के लक्ष्य को लेकर भारत के स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के बीच एक अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि झुग्गी बस्तियों को सुरक्षित पेय जल और उचित स्वच्छता के मामले में सिंगापुर जैसे पूर्वी एशियाई देशों से सबक सीख सकते हैं।
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