Sohrabuddin Sheikh Tulsiram Prajapati
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13 साल में 3-3 जांच एजेंसियों और अदालती मुकदमे के बाद भी नहीं उठ पाया सोहराबुद्दीन की मौत से पर्दा!
- Sunday January 20, 2019
- सुनील कुमार सिंह
इतना ही नहीं तो जज ने तुलसी प्रजापति की पुलिस मुठभेड़ में मौत को सही पाया लेकिन सोहराबुद्दीन शेख के कथित एनकाउंटर को अनसुलझा ही छोड़ दिया. दोनों मुठभेड़ों में कोई लिंक नहीं साबित होने का हवाला दे कथित साजिश की पूरी कहानी को ही दरकिनार कर दिया. पर ये नहीं बताया कि सोहरबुद्दीन को किसने मारा और कौसर बी की मौत कैसे हुई? अलबत्ता तीनों की मौत का दुख जरूर जताया. सवाल है जब मौत हुई है तो किसी ने तो मारा है पर 13 साल में सीआईडी, सीबीआई की जांच और अदालती मुकदमे के बाद भी इसका खुलासा नहीं हो पाया. आखिर क्यों?
- ndtv.in
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सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 21 दिसंबर को सुनाएगी अहम फैसला
- Friday December 7, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुंबई में CBI की विशेष अदालत 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. सोहराबुद्दीन शेख एक मामूली अपराधी था, जिसे गुजरात के गांधीनगर में गुजरात पुलिस अधिकारियों ने नवंबर, 2005 में मार दिया था. पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख को आतंकवादी करार दिया था. मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख की पत्नी कौसर बी भी मारी गई थी. दंपति के साथ मौजूद तुलसीराम प्रजापति, जो गवाह भी था, की एक साल बाद हत्या हो गई थी.
- ndtv.in
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अमित शाह का पीछा करती फ़र्ज़ी एनकाउंटर की ख़बरें और ख़बरों से भागता मीडिया
- Thursday November 22, 2018
- रवीश कुमार
नहीं छपने से ख़बर मर नहीं जाती है. छप जाने से अमर भी नहीं हो जाती है. मरी हुई ख़बरें ज़िंदा हो जाती हैं. क्योंकि ख़बरें मैनेज होती हैं, मरती नहीं हैं. बस ऐसी ख़बरों को ज़िंदा होने के इंतज़ार में अपने किरदारों के आस-पास मंडराते रहना पड़ता है.
- ndtv.in
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सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई को कठघरे में खड़ा किया कोर्ट ने
- Tuesday December 30, 2014
यहां समझना जरूरी है कि शुरू में ये दो मामले थे, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस और दूसरा तुलसी राम प्रजापति केस। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों को एक कर दिया था, इसलिए जो सबूत एक केस में दिखाए गए, वही दूसरे में भी मामले को आगे बढ़ाने का आधार बने।
- ndtv.in
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फर्जी मुठभेड़ मामलों में अमित शाह पर लगे सभी आरोप खारिज
- Wednesday December 31, 2014
मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बड़ी राहत देते हुए सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में उनके खिलाफ लगे सभी आरोप खारिज कर दिए हैं। उधर, सोहराबुद्दीन का परिवार अब इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाने की तैयारी में है।
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13 साल में 3-3 जांच एजेंसियों और अदालती मुकदमे के बाद भी नहीं उठ पाया सोहराबुद्दीन की मौत से पर्दा!
- Sunday January 20, 2019
- सुनील कुमार सिंह
इतना ही नहीं तो जज ने तुलसी प्रजापति की पुलिस मुठभेड़ में मौत को सही पाया लेकिन सोहराबुद्दीन शेख के कथित एनकाउंटर को अनसुलझा ही छोड़ दिया. दोनों मुठभेड़ों में कोई लिंक नहीं साबित होने का हवाला दे कथित साजिश की पूरी कहानी को ही दरकिनार कर दिया. पर ये नहीं बताया कि सोहरबुद्दीन को किसने मारा और कौसर बी की मौत कैसे हुई? अलबत्ता तीनों की मौत का दुख जरूर जताया. सवाल है जब मौत हुई है तो किसी ने तो मारा है पर 13 साल में सीआईडी, सीबीआई की जांच और अदालती मुकदमे के बाद भी इसका खुलासा नहीं हो पाया. आखिर क्यों?
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सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 21 दिसंबर को सुनाएगी अहम फैसला
- Friday December 7, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुंबई में CBI की विशेष अदालत 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. सोहराबुद्दीन शेख एक मामूली अपराधी था, जिसे गुजरात के गांधीनगर में गुजरात पुलिस अधिकारियों ने नवंबर, 2005 में मार दिया था. पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख को आतंकवादी करार दिया था. मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख की पत्नी कौसर बी भी मारी गई थी. दंपति के साथ मौजूद तुलसीराम प्रजापति, जो गवाह भी था, की एक साल बाद हत्या हो गई थी.
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- Thursday November 22, 2018
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सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई को कठघरे में खड़ा किया कोर्ट ने
- Tuesday December 30, 2014
यहां समझना जरूरी है कि शुरू में ये दो मामले थे, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस और दूसरा तुलसी राम प्रजापति केस। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों को एक कर दिया था, इसलिए जो सबूत एक केस में दिखाए गए, वही दूसरे में भी मामले को आगे बढ़ाने का आधार बने।
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फर्जी मुठभेड़ मामलों में अमित शाह पर लगे सभी आरोप खारिज
- Wednesday December 31, 2014
मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बड़ी राहत देते हुए सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में उनके खिलाफ लगे सभी आरोप खारिज कर दिए हैं। उधर, सोहराबुद्दीन का परिवार अब इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाने की तैयारी में है।
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