Shradh 2017 Significance
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Matri Navami 2021: जानिए मातृ नवमी पर क्या है श्राद्ध की सही विधि
- Thursday September 30, 2021
आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म किया जाता है. पितर पक्ष की नवमी तिथि पर माताओं सुहागिन स्त्रियों और आज्ञात महिलाओं के श्राद्ध का विधान है. इस दिन परिवार की उन सारी महिलाओं की पूजा की जाती है और उनके नाम से श्राद्ध भोज किया जाता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी हो.
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Shradh 2017: जानिए, गया में ही क्यों होता है पिंडदान, क्या है इसका महत्व
- Thursday September 14, 2017
पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए एक पखवारे तक चलने वाला पितृपक्ष में श्राद्ध करने की परंपरा काफी पुरानी है. वैसे तो पिंडदान और तर्पण के लिए देश में कई स्थल हैं, लेकिन उसमें सर्वश्रेष्ठ बिहार के गया को माना गया है.
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श्राद्ध 2017: पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए 'विष्णुनगरी' तैयार
- Wednesday September 6, 2017
श्राद्ध शुरू होने वाले हैं, इस दौरान लोग अपने बड़े-बुजुर्गों के लिए दान पुण्य का काम करते हैं. पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की मुक्ति या मोक्ष दिलाने की कामना को लेकर पिंडदान और श्राद्ध करने आने वाले पिंडदानियों के लिए विष्णुनगरी, मोक्षधाम यानी गया पूरी तरह तैयार है.
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- Thursday September 30, 2021
आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म किया जाता है. पितर पक्ष की नवमी तिथि पर माताओं सुहागिन स्त्रियों और आज्ञात महिलाओं के श्राद्ध का विधान है. इस दिन परिवार की उन सारी महिलाओं की पूजा की जाती है और उनके नाम से श्राद्ध भोज किया जाता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी हो.
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए एक पखवारे तक चलने वाला पितृपक्ष में श्राद्ध करने की परंपरा काफी पुरानी है. वैसे तो पिंडदान और तर्पण के लिए देश में कई स्थल हैं, लेकिन उसमें सर्वश्रेष्ठ बिहार के गया को माना गया है.
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- Wednesday September 6, 2017
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