Shirish Khare
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नदी सिंदूरी: पीछे छूटे गांव को शब्दों से खींचते शिरीष खरे
- Thursday April 4, 2024
- Himanshu Joshi
'एक देश बारह दुनिया' किताब से चर्चा में आए लेखक शिरीष खरे की 'नदी सिंदूरी' आपको गांव के रहन सहन से वाकिफ कराती जाएगी. सिंदूरी नदी के किनारे बसे गांव मदनपुर की कहानियों को सामने लाते शिरीष खरे हमें अवधेश, बसंत, खूंटा जैसे किरदारों के पास ले जाते हैं. गांव में जातिवाद के मकड़जाल को शिरीष कुछ इस तरह लिखते हैं कि दलित बसंत एक दिन गांव का हीरो है तो एक दिन ऊंची जाति के लोगों के सामने सर उठाने की वजह से वो अधमरा है. खुद के किशोर जीवन की कहानी शिरीष ने जिस तरह लिखी है उससे एक किशोर मन में चल रही उथल पुथल से भी पाठक परिचित होते जाते हैं.
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ndtv.in
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- Thursday April 4, 2024
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'एक देश बारह दुनिया' किताब से चर्चा में आए लेखक शिरीष खरे की 'नदी सिंदूरी' आपको गांव के रहन सहन से वाकिफ कराती जाएगी. सिंदूरी नदी के किनारे बसे गांव मदनपुर की कहानियों को सामने लाते शिरीष खरे हमें अवधेश, बसंत, खूंटा जैसे किरदारों के पास ले जाते हैं. गांव में जातिवाद के मकड़जाल को शिरीष कुछ इस तरह लिखते हैं कि दलित बसंत एक दिन गांव का हीरो है तो एक दिन ऊंची जाति के लोगों के सामने सर उठाने की वजह से वो अधमरा है. खुद के किशोर जीवन की कहानी शिरीष ने जिस तरह लिखी है उससे एक किशोर मन में चल रही उथल पुथल से भी पाठक परिचित होते जाते हैं.
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