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Ravish Kumar Blog On Rafale Deal

'Ravish Kumar Blog On Rafale Deal' - 8 News Result(s)
  • सीएजी की रिपोर्ट से सरकार को क्या क्लीन चिट?

    सीएजी की रिपोर्ट से सरकार को क्या क्लीन चिट?

    आज गजब हो गया. राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट तो आई, मगर सार्वजनिक होकर भी गोपनीय नज़र आई. अभी तक दि वायर और हिन्दी में गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक हो रही थी मगर आज सार्वजनिक होकर भी रिपोर्ट के कई अंश गोपनीय नज़र आए. सीएजी ने यूरो और रुपये के आगे संख्या की जगह अंग्रेज़ी वर्णमाला के वर्म लिखे हैं. इस तरह रिपोर्ट पढ़ते हुए आपको ये तो दिखेगा कि मिलियन और बिलियन यूरो लिखा है मगर मिलियन के आगे जो कोड इस्तेमाल किए हैं उसे पढ़ने के लिए जग्गा जासूस को हायर करना पड़ेगा. आप पेज 120 और 121 पर जाकर देखिए. राफेल विमान कितने में खरीदा गया, कितने का प्रस्ताव था इनकी जगह जो संकेत चिन्ह लिखे गए हैं, उन्हें पढ़ने के लिए आईआईटी में एडमिशन लेकर फेल होना ज़रूरी है.

  • कार्टून कैरेक्टर की भाषा बोल रफाल विवाद पर लीपापोती कर गई CAG

    कार्टून कैरेक्टर की भाषा बोल रफाल विवाद पर लीपापोती कर गई CAG

    सोचिए 6 फरवरी तक रक्षा मंत्रालय बता रहा है कि डील को लेकर कीमतों के बारे में नहीं बताना है. 13 फरवरी को रिपोर्ट संसद में रखी जाती है. आप चाहें तो अनुमान लगा सकते हैं कि यह सब मैनेज किए जाने की निशानी है या सीएजी आखिरी वक्त तक काम करती है. वैसे मंत्री लोग ही अलग अलग चरणों में दाम बता चुके थे.

  • किसके लिए रफाल डील में डीलर और कमीशनखोर पर मेहरबानी की गई?

    किसके लिए रफाल डील में डीलर और कमीशनखोर पर मेहरबानी की गई?

    सरकार बार-बार कहती है कि रफाल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. वही सरकार एक बार यह भी बता दे कि रफाल डील की शर्तों में भ्रष्टाचार होने पर कार्रवाई के प्रावधान को क्यों हटाया गया? वह भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इसे हटाया गया.

  • रफाल का एक और सच हुआ बाहर

    रफाल का एक और सच हुआ बाहर

    इस नोटिंग में रक्षा सचिव इस बात पर एतराज़ ज़ाहिर करते हैं कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को भरोसा नहीं है तो वह डील के लिए अपनी कोई नई व्यवस्था बना ले. जाहिर है जो कमेटी कई साल से काम कर रही है, अचानक उसे बताए बगैर या भंग किए बगैर प्रधानमंत्री कार्यालय सक्रिय हो जाए तो किसी को भी बुरा लगेगा.

  • झूठ के आसमान में रफाल की कीमतों का उड़ता सच- हिन्दू की रिपोर्ट

    झूठ के आसमान में रफाल की कीमतों का उड़ता सच- हिन्दू की रिपोर्ट

    मोदी सरकार का तर्क रहता है कि भारत और फ्रांस के बीच जो करार हुआ है उसकी गोपनीयता की शर्तों के कारण कीमत नहीं बता सकते. मगर उस करार में कहा गया है कि गोपनीयता की शर्तें रक्षा से संबंधित बातों तक ही सीमित हैं. यानी कीमत बताई जा सकती है. कीमत क्लासिफाइड सूचना नहीं है. विवाद से पहले जब डील हुई थी तब सेना और सिविल अधिकारियों ने मीडिया को ब्रीफ किया था और बकायदा कीमत बताई थी.

  • रफाल मामले में क्या सरकार को वाकई क्लीनचिट मिल गई?

    रफाल मामले में क्या सरकार को वाकई क्लीनचिट मिल गई?

    अदालत ने यह कहीं नहीं लिखा है कि अब इन सवालों का जवाब कहीं और से न अदालत से नहीं लिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच का फैसला है. इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ थे. चार याचिकार्ता थे, जिनके बारे में जान लेते हैं कि वे अलग-अलग याचिकाओं में अदालत से क्या चाहते थे.

  • एन इवनिंग इन पेरिस: डील, डीलर और पीएम

    एन इवनिंग इन पेरिस: डील, डीलर और पीएम

    एफ़िल टावर के नीचे बहती सीन नदी की हवा बनारस वाले गंगा पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पेरिस की शाम का हिसाब मांगने आ गई है. 10 अप्रैल 2015 की पेरिस यात्रा सिरे से संदिग्ध हो गई है. गंगा के सामने सीन बहुत छोटी नदी है लेकिन वो गंगा से बेहतर बहती है. उसके किनारे खड़ा एफ़िल टावर बनारस के पुल की तरह यूं ही हवा के झोंके से गिर नहीं जाता है. प्रधानमंत्री कब तक गंगा पुत्र भीष्म की तरह चुप्पी साधे रहेंगे. क्या अंबानी के लिए ख़ुद को इस महाभारत में भीष्म बना देंगे? न कहा जा रहा है न बचा जा रहा हैय 

  • राफेल डील: क्या पीएम को खुद सौदा तय करने का अधिकार?

    राफेल डील: क्या पीएम को खुद सौदा तय करने का अधिकार?

    फ्रांस की कंपनी दास्सो से खरीदे जाने वाले रफाल लड़ाकू विमान को लेकर फिर से अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा और प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस की है. तीनों की यह दूसरी प्रेस कांफ्रेंस है. पहले सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सौदे का डिटेल नहीं दिया जा सकता है, लेकिन बाद में याद दिलाया गया कि रक्षा राज्य मंत्री तो नवंबर 2016 में ही संसद में रफाल विमान का दाम बता चुके थे. हाल ही में अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर कांग्रेस को घेरा है. उसके बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने भी लेख लिखा है. हम उन लेख में उठाए गए प्रश्नों और दावों के बारे में संक्षेप में बात करेंगे, लेकिन पहले सुनते हैं कि प्रशांत भूषण ने आज प्रेस कांफ्रेंस क्यों की.

'Ravish Kumar Blog On Rafale Deal' - 8 News Result(s)
  • सीएजी की रिपोर्ट से सरकार को क्या क्लीन चिट?

    सीएजी की रिपोर्ट से सरकार को क्या क्लीन चिट?

    आज गजब हो गया. राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट तो आई, मगर सार्वजनिक होकर भी गोपनीय नज़र आई. अभी तक दि वायर और हिन्दी में गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक हो रही थी मगर आज सार्वजनिक होकर भी रिपोर्ट के कई अंश गोपनीय नज़र आए. सीएजी ने यूरो और रुपये के आगे संख्या की जगह अंग्रेज़ी वर्णमाला के वर्म लिखे हैं. इस तरह रिपोर्ट पढ़ते हुए आपको ये तो दिखेगा कि मिलियन और बिलियन यूरो लिखा है मगर मिलियन के आगे जो कोड इस्तेमाल किए हैं उसे पढ़ने के लिए जग्गा जासूस को हायर करना पड़ेगा. आप पेज 120 और 121 पर जाकर देखिए. राफेल विमान कितने में खरीदा गया, कितने का प्रस्ताव था इनकी जगह जो संकेत चिन्ह लिखे गए हैं, उन्हें पढ़ने के लिए आईआईटी में एडमिशन लेकर फेल होना ज़रूरी है.

  • कार्टून कैरेक्टर की भाषा बोल रफाल विवाद पर लीपापोती कर गई CAG

    कार्टून कैरेक्टर की भाषा बोल रफाल विवाद पर लीपापोती कर गई CAG

    सोचिए 6 फरवरी तक रक्षा मंत्रालय बता रहा है कि डील को लेकर कीमतों के बारे में नहीं बताना है. 13 फरवरी को रिपोर्ट संसद में रखी जाती है. आप चाहें तो अनुमान लगा सकते हैं कि यह सब मैनेज किए जाने की निशानी है या सीएजी आखिरी वक्त तक काम करती है. वैसे मंत्री लोग ही अलग अलग चरणों में दाम बता चुके थे.

  • किसके लिए रफाल डील में डीलर और कमीशनखोर पर मेहरबानी की गई?

    किसके लिए रफाल डील में डीलर और कमीशनखोर पर मेहरबानी की गई?

    सरकार बार-बार कहती है कि रफाल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. वही सरकार एक बार यह भी बता दे कि रफाल डील की शर्तों में भ्रष्टाचार होने पर कार्रवाई के प्रावधान को क्यों हटाया गया? वह भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इसे हटाया गया.

  • रफाल का एक और सच हुआ बाहर

    रफाल का एक और सच हुआ बाहर

    इस नोटिंग में रक्षा सचिव इस बात पर एतराज़ ज़ाहिर करते हैं कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को भरोसा नहीं है तो वह डील के लिए अपनी कोई नई व्यवस्था बना ले. जाहिर है जो कमेटी कई साल से काम कर रही है, अचानक उसे बताए बगैर या भंग किए बगैर प्रधानमंत्री कार्यालय सक्रिय हो जाए तो किसी को भी बुरा लगेगा.

  • झूठ के आसमान में रफाल की कीमतों का उड़ता सच- हिन्दू की रिपोर्ट

    झूठ के आसमान में रफाल की कीमतों का उड़ता सच- हिन्दू की रिपोर्ट

    मोदी सरकार का तर्क रहता है कि भारत और फ्रांस के बीच जो करार हुआ है उसकी गोपनीयता की शर्तों के कारण कीमत नहीं बता सकते. मगर उस करार में कहा गया है कि गोपनीयता की शर्तें रक्षा से संबंधित बातों तक ही सीमित हैं. यानी कीमत बताई जा सकती है. कीमत क्लासिफाइड सूचना नहीं है. विवाद से पहले जब डील हुई थी तब सेना और सिविल अधिकारियों ने मीडिया को ब्रीफ किया था और बकायदा कीमत बताई थी.

  • रफाल मामले में क्या सरकार को वाकई क्लीनचिट मिल गई?

    रफाल मामले में क्या सरकार को वाकई क्लीनचिट मिल गई?

    अदालत ने यह कहीं नहीं लिखा है कि अब इन सवालों का जवाब कहीं और से न अदालत से नहीं लिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच का फैसला है. इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ थे. चार याचिकार्ता थे, जिनके बारे में जान लेते हैं कि वे अलग-अलग याचिकाओं में अदालत से क्या चाहते थे.

  • एन इवनिंग इन पेरिस: डील, डीलर और पीएम

    एन इवनिंग इन पेरिस: डील, डीलर और पीएम

    एफ़िल टावर के नीचे बहती सीन नदी की हवा बनारस वाले गंगा पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पेरिस की शाम का हिसाब मांगने आ गई है. 10 अप्रैल 2015 की पेरिस यात्रा सिरे से संदिग्ध हो गई है. गंगा के सामने सीन बहुत छोटी नदी है लेकिन वो गंगा से बेहतर बहती है. उसके किनारे खड़ा एफ़िल टावर बनारस के पुल की तरह यूं ही हवा के झोंके से गिर नहीं जाता है. प्रधानमंत्री कब तक गंगा पुत्र भीष्म की तरह चुप्पी साधे रहेंगे. क्या अंबानी के लिए ख़ुद को इस महाभारत में भीष्म बना देंगे? न कहा जा रहा है न बचा जा रहा हैय 

  • राफेल डील: क्या पीएम को खुद सौदा तय करने का अधिकार?

    राफेल डील: क्या पीएम को खुद सौदा तय करने का अधिकार?

    फ्रांस की कंपनी दास्सो से खरीदे जाने वाले रफाल लड़ाकू विमान को लेकर फिर से अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा और प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस की है. तीनों की यह दूसरी प्रेस कांफ्रेंस है. पहले सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सौदे का डिटेल नहीं दिया जा सकता है, लेकिन बाद में याद दिलाया गया कि रक्षा राज्य मंत्री तो नवंबर 2016 में ही संसद में रफाल विमान का दाम बता चुके थे. हाल ही में अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर कांग्रेस को घेरा है. उसके बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने भी लेख लिखा है. हम उन लेख में उठाए गए प्रश्नों और दावों के बारे में संक्षेप में बात करेंगे, लेकिन पहले सुनते हैं कि प्रशांत भूषण ने आज प्रेस कांफ्रेंस क्यों की.