Positive Story During Lockdown
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लॉकडाउन में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक इनोवेटिव मुहिम, फ्री में पढ़ा रहे हैं युवा अधिकारी
- Tuesday June 9, 2020
चलो पढ़ाएं' के अंदाज़ में चलाये जा रहे इस मिशन का नाम है डोनेट योर टाइम फॉर नेशन बिल्डिंग (Donate Your Time For Nation Building). मतलब अगर आप बच्चों को ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं तो आपका स्वागत है इस कैंपेन में. प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफार्म दिल्ली नॉलेज ट्रैक नाम के एक स्टार्ट-अप ने ये कैंपेन शुरू किया है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक की एडिटर प्रिया जिंदल बताती हैं कि इस कैंपेन को शुरू किये उन्हें कऱीब 2 हफ्ते हुए हैं और परिणाम काफी उत्साह बढ़ने वाले हैं.
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ndtv.in
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Lockdown में फंस गई गर्भवती महिला तो टैक्सी ड्राइवर ने 21 दिनों तक अपने घर पर रखा, कर्फ्यू पास बनवाकर घर छोड़कर आया
- Saturday April 18, 2020
जयपुर से 8 महीने की एक गर्भवती महिला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर के लिए चली थी. वह गुरुग्राम पहुंचकर लॉकडाउन में फंस गई. महिला जिस टैक्सी में बैठी थी उसी टैक्सी के ड्राइवर संजय ने इंसानियत दिखाते हुए 21 दिन तक महिला और उसकी बेटी को अपने घर में रखा. संजय गुरुग्राम में एक छोटे से कमरे में रहते हैं,कमरे में न तो पंखा है और न ही सुख सुविधा का कोई सामान है.
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लॉकडाउन में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक इनोवेटिव मुहिम, फ्री में पढ़ा रहे हैं युवा अधिकारी
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चलो पढ़ाएं' के अंदाज़ में चलाये जा रहे इस मिशन का नाम है डोनेट योर टाइम फॉर नेशन बिल्डिंग (Donate Your Time For Nation Building). मतलब अगर आप बच्चों को ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं तो आपका स्वागत है इस कैंपेन में. प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफार्म दिल्ली नॉलेज ट्रैक नाम के एक स्टार्ट-अप ने ये कैंपेन शुरू किया है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक की एडिटर प्रिया जिंदल बताती हैं कि इस कैंपेन को शुरू किये उन्हें कऱीब 2 हफ्ते हुए हैं और परिणाम काफी उत्साह बढ़ने वाले हैं.
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जयपुर से 8 महीने की एक गर्भवती महिला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर के लिए चली थी. वह गुरुग्राम पहुंचकर लॉकडाउन में फंस गई. महिला जिस टैक्सी में बैठी थी उसी टैक्सी के ड्राइवर संजय ने इंसानियत दिखाते हुए 21 दिन तक महिला और उसकी बेटी को अपने घर में रखा. संजय गुरुग्राम में एक छोटे से कमरे में रहते हैं,कमरे में न तो पंखा है और न ही सुख सुविधा का कोई सामान है.
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