Odisha Rath Yatra Story
- सब
- ख़बरें
-
सज गए रथ, भगवान जगन्नाथ तैयार... अब बस शाम 4 बजे का इंतजार, पुरी पहुंचे लाखों में श्रद्धालु, देखें PHOTOS
- Friday June 27, 2025
- Edited by: श्वेता गुप्ता
ओडिशा के पुरी में भव्य रथ यात्रा (Puri Rath Yatra) की तैयारियां शुरू हो चुकी है. बस इंतजार है तो शाम 4 बजे का, जब प्रभु के अलौकिक रथों को खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी.
-
ndtv.in
-
भगवान जगन्नाथ ने क्यों धारण किया था गजानन वेश, जानिए ज्योतिषाचार्य से इसके पीछे की रोचक कथा
- Thursday June 19, 2025
- Written by: सुभाषिनी त्रिपाठी
आपको बता दें कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता है वे सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं और प्रत्येक कार्य उन्हीं की कृपा से निर्विघ्न रूप से संपन्न होता है. इसलिए गणेश जी की पूजा हम सभी को विधिवत रूप से करनी चाहिए.
-
ndtv.in
-
आज है भगवान जगन्नाथ की 'स्नान पूर्णिमा', आखिर रथ यात्रा से 15 दिन पहले क्यों रहते हैं भगवान बीमार, बहुत रोचक है इतिहास, जानिए यहां
- Wednesday June 11, 2025
- Written by: सुभाषिनी त्रिपाठी
हर साल 15 दिन के लिए पूर्णिमा के दिन भगवान बीमार पड़ जाते हैं. इस परंपरा को अनासर भी कहते हैं. वहीं, जब 15 दिन बाद ठीक हो जाते हैं तो 'नैनासर उत्सव' मनाया जाता है यानी रथयात्रा निकालती है.
-
ndtv.in
-
सज गए रथ, भगवान जगन्नाथ तैयार... अब बस शाम 4 बजे का इंतजार, पुरी पहुंचे लाखों में श्रद्धालु, देखें PHOTOS
- Friday June 27, 2025
- Edited by: श्वेता गुप्ता
ओडिशा के पुरी में भव्य रथ यात्रा (Puri Rath Yatra) की तैयारियां शुरू हो चुकी है. बस इंतजार है तो शाम 4 बजे का, जब प्रभु के अलौकिक रथों को खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी.
-
ndtv.in
-
भगवान जगन्नाथ ने क्यों धारण किया था गजानन वेश, जानिए ज्योतिषाचार्य से इसके पीछे की रोचक कथा
- Thursday June 19, 2025
- Written by: सुभाषिनी त्रिपाठी
आपको बता दें कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता है वे सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं और प्रत्येक कार्य उन्हीं की कृपा से निर्विघ्न रूप से संपन्न होता है. इसलिए गणेश जी की पूजा हम सभी को विधिवत रूप से करनी चाहिए.
-
ndtv.in
-
आज है भगवान जगन्नाथ की 'स्नान पूर्णिमा', आखिर रथ यात्रा से 15 दिन पहले क्यों रहते हैं भगवान बीमार, बहुत रोचक है इतिहास, जानिए यहां
- Wednesday June 11, 2025
- Written by: सुभाषिनी त्रिपाठी
हर साल 15 दिन के लिए पूर्णिमा के दिन भगवान बीमार पड़ जाते हैं. इस परंपरा को अनासर भी कहते हैं. वहीं, जब 15 दिन बाद ठीक हो जाते हैं तो 'नैनासर उत्सव' मनाया जाता है यानी रथयात्रा निकालती है.
-
ndtv.in