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लोन मोरेटोरियम केस : SC ने कहा- आखिरी बार टाल रहे हैं मामला, अब सभी ठोस योजना के साथ आएं
- Thursday September 10, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
SC on Loan Moratorium: लोन मोरेटोरियम मामले (Loan Moratorium Case) की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मामले को बार-बार टाला जा रहा है. अब इस मामले को सिर्फ एक बार टाला जा रहा है वो भी फाइनल सुनवाई के लिए. इस दौरान सब अपना जवाब दाखिल करें और मामले में ठोस योजना के साथ अदालत आएं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि तब तक 31 अगस्त तक NPA ना हुए लोन डिफॉल्टरों को NPA घोषित ना करने अंतरिम आदेश जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते दिए.
- ndtv.in
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प्रधानमंत्री जी, बैंकों के लाखों करोड़ न चुकाने वाली कंपनियां कौन हैं, मालिक कौन हैं?
- Thursday September 13, 2018
- रवीश कुमार
क्या प्रधानमंत्री उन कंपनियों के नाम ले सकते हैं जिन्होंने भारत की जनता के जमा पैसे से सस्ती दरों पर लोन लिया और उस लोन का दस लाख करोड़ बैंकों को वापस नहीं किया? क्या वित्त मंत्री उन कंपनियों के नाम ले सकते हैं? क्या अमित शाह नाम ले सकते हैं? क्या कांग्रेस से राहुल गांधी, चिदंबरम नाम ले सकते हैं? जब ये दोनों नेता लोन लेकर भागने वालों के नाम नहीं ले सकते हैं तो फिर ये बहस हो किस चीज़ की रही है?
- ndtv.in
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हे राजन! तब तुम्हीं थे न जो राजन का मज़ाक उड़ा रहे थे, राजन को ज़िम्मेदार बता रहे थे?
- Thursday September 13, 2018
- रवीश कुमार
अप्रैल 2015 में हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा था कि रघुराम राजन ने नॉन परफॉर्मिंग असेट के कुछ हाई-प्रोफाइल फ्रॉड की सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी थी. मांग की थी कि जांच हो और कुछ को जेल भेजा जाए. अखबार के अनुसार राजन ने 17,500 करोड़ के फ्रॉड के बारे में सूचना दी थी. इसमें विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी, ज़ूम डेवलपर्स, तिवारी ग्रुप, सूर्य विनायक इंडस्ट्री, डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया, सूर्या फार्मा. इन कंपनियों के नाम हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा था. दो साल बाद विनसम डायमंड के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था.
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लोन मोरेटोरियम केस : SC ने कहा- आखिरी बार टाल रहे हैं मामला, अब सभी ठोस योजना के साथ आएं
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SC on Loan Moratorium: लोन मोरेटोरियम मामले (Loan Moratorium Case) की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मामले को बार-बार टाला जा रहा है. अब इस मामले को सिर्फ एक बार टाला जा रहा है वो भी फाइनल सुनवाई के लिए. इस दौरान सब अपना जवाब दाखिल करें और मामले में ठोस योजना के साथ अदालत आएं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि तब तक 31 अगस्त तक NPA ना हुए लोन डिफॉल्टरों को NPA घोषित ना करने अंतरिम आदेश जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते दिए.
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क्या प्रधानमंत्री उन कंपनियों के नाम ले सकते हैं जिन्होंने भारत की जनता के जमा पैसे से सस्ती दरों पर लोन लिया और उस लोन का दस लाख करोड़ बैंकों को वापस नहीं किया? क्या वित्त मंत्री उन कंपनियों के नाम ले सकते हैं? क्या अमित शाह नाम ले सकते हैं? क्या कांग्रेस से राहुल गांधी, चिदंबरम नाम ले सकते हैं? जब ये दोनों नेता लोन लेकर भागने वालों के नाम नहीं ले सकते हैं तो फिर ये बहस हो किस चीज़ की रही है?
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- रवीश कुमार
अप्रैल 2015 में हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा था कि रघुराम राजन ने नॉन परफॉर्मिंग असेट के कुछ हाई-प्रोफाइल फ्रॉड की सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी थी. मांग की थी कि जांच हो और कुछ को जेल भेजा जाए. अखबार के अनुसार राजन ने 17,500 करोड़ के फ्रॉड के बारे में सूचना दी थी. इसमें विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी, ज़ूम डेवलपर्स, तिवारी ग्रुप, सूर्य विनायक इंडस्ट्री, डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया, सूर्या फार्मा. इन कंपनियों के नाम हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा था. दो साल बाद विनसम डायमंड के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था.
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