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दिल्ली के स्कूली बच्चों में बुनियादी संख्यात्मक कौशल की भारी कमी, एक तिहाई राज्यों में निचले स्तर पर
- Thursday September 8, 2022
- Written by: पूनम मिश्रा
Delhi School Children: नेशनवाइड फाउंडेशनल लर्निंग सर्वे (FLS) ने पाया कि दिल्ली के कक्षा तीसरी के आधे से अधिक छात्रों में "सीमित" फाउंडेशनल संख्यात्मक कौशल की कमी है.
- ndtv.in
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ऑनलाइन कक्षा के लिए 27% छात्रों के पास नहीं है स्मार्टफोन और लैपटॉप: NCERT सर्वे
- Thursday August 20, 2020
- Reported by: भाषा
ऑनलाइन माध्यम से कक्षा करने के लिये कम से कम 27 प्रतिशत छात्रों की स्मार्टफोन या लैपटॉप तक पहुंच नहीं है, जबकि 28 प्रतिशत छात्र और अभिभावक बिजली में व्यवधान या कमी को पठन-पाठन में एक प्रमुख रूकावट मानते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. एनसीईआरटी (NCERT) के सर्वेक्षण में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध स्कूलों के छात्रों, अभिभावको, शिक्षकों और प्राचार्यो सहित 34,000 लोगों ने हिस्सा लिया था. इनका कहना था कि प्रभावी शैक्षणिक उद्देश्य के लिये उपकरणों के उपयोग की जानकारी की कमी तथा शिक्षकों में ऑनलाइन शिक्षा के तरीकों की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण भी पठन -पाठन में बाधा आती है.
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दिल्ली के स्कूली बच्चों में बुनियादी संख्यात्मक कौशल की भारी कमी, एक तिहाई राज्यों में निचले स्तर पर
- Thursday September 8, 2022
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Delhi School Children: नेशनवाइड फाउंडेशनल लर्निंग सर्वे (FLS) ने पाया कि दिल्ली के कक्षा तीसरी के आधे से अधिक छात्रों में "सीमित" फाउंडेशनल संख्यात्मक कौशल की कमी है.
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ऑनलाइन कक्षा के लिए 27% छात्रों के पास नहीं है स्मार्टफोन और लैपटॉप: NCERT सर्वे
- Thursday August 20, 2020
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ऑनलाइन माध्यम से कक्षा करने के लिये कम से कम 27 प्रतिशत छात्रों की स्मार्टफोन या लैपटॉप तक पहुंच नहीं है, जबकि 28 प्रतिशत छात्र और अभिभावक बिजली में व्यवधान या कमी को पठन-पाठन में एक प्रमुख रूकावट मानते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. एनसीईआरटी (NCERT) के सर्वेक्षण में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध स्कूलों के छात्रों, अभिभावको, शिक्षकों और प्राचार्यो सहित 34,000 लोगों ने हिस्सा लिया था. इनका कहना था कि प्रभावी शैक्षणिक उद्देश्य के लिये उपकरणों के उपयोग की जानकारी की कमी तथा शिक्षकों में ऑनलाइन शिक्षा के तरीकों की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण भी पठन -पाठन में बाधा आती है.
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