Narashimha Rao
- सब
- ख़बरें
-
84 के दंगे वाले बयान पर नरसिम्हा राव के पोते का डॉ. मनमोहन सिंह पर पलटवार, कहा- उन्हें पता होना चाहिए कि...
- Friday December 6, 2019
- Edited by: प्रभात उपाध्याय
पीवी नरसिम्हा राव के पोते ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोका जा सकता था यदि राव ने सेना को बुला लिया होता.
- ndtv.in
-
पढ़ें पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और गांधी परिवार के रिश्तों में क्यों आई खटास
- Friday June 28, 2019
- प्रभात उपाध्याय
आज पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव की जयंती है. राव देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिनका नाम देश में आर्थिक सुधार (इकनोनॉमिक रिफॉर्म्स) का जिक्र छिड़ते ही तपाक से लिया जाता है. यूं तो नरसिम्हा राव कांग्रेस की बांह पकड़कर सियासत की सीढ़ियां चढ़ते हुए पीएम पद तक पहुंचे, लेकिन सियासी गलियारों में अक्सर चर्चा इस बात की होती है कि राव के आखिरी दिनों में पार्टी ने उनके साथ किस तरह का सुलूक किया. आखिर ऐसी क्या वजह थी जो कांग्रेस और उससे कहीं ज्यादा गांधी परिवार और राव के रिश्तों में इतनी ज्यादा कड़वाहट घुल गई थी. राजनीतिक विशेषज्ञ इस कड़वाहट के पीछे उन्हीं आर्थिक सुधारों को देखते हैं जिसकी वजह से राव की देश-दुनिया में अलग पहचान बनी.
- ndtv.in
-
84 के दंगे वाले बयान पर नरसिम्हा राव के पोते का डॉ. मनमोहन सिंह पर पलटवार, कहा- उन्हें पता होना चाहिए कि...
- Friday December 6, 2019
- Edited by: प्रभात उपाध्याय
पीवी नरसिम्हा राव के पोते ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोका जा सकता था यदि राव ने सेना को बुला लिया होता.
- ndtv.in
-
पढ़ें पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और गांधी परिवार के रिश्तों में क्यों आई खटास
- Friday June 28, 2019
- प्रभात उपाध्याय
आज पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव की जयंती है. राव देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिनका नाम देश में आर्थिक सुधार (इकनोनॉमिक रिफॉर्म्स) का जिक्र छिड़ते ही तपाक से लिया जाता है. यूं तो नरसिम्हा राव कांग्रेस की बांह पकड़कर सियासत की सीढ़ियां चढ़ते हुए पीएम पद तक पहुंचे, लेकिन सियासी गलियारों में अक्सर चर्चा इस बात की होती है कि राव के आखिरी दिनों में पार्टी ने उनके साथ किस तरह का सुलूक किया. आखिर ऐसी क्या वजह थी जो कांग्रेस और उससे कहीं ज्यादा गांधी परिवार और राव के रिश्तों में इतनी ज्यादा कड़वाहट घुल गई थी. राजनीतिक विशेषज्ञ इस कड़वाहट के पीछे उन्हीं आर्थिक सुधारों को देखते हैं जिसकी वजह से राव की देश-दुनिया में अलग पहचान बनी.
- ndtv.in