अमृत सहित नवरत्नों की प्राप्ति के लिए देव-दानवों द्वारा किए गए समुद्र-मंथन की कथा के अनुसार जगत-कल्याण के लिए वासुकी नाग ने मथानी के रस्सी के रुप में कार्य किया था.
अमृत सहित नवरत्नों की प्राप्ति के लिए देव-दानवों द्वारा किए गए समुद्र-मंथन की कथा के अनुसार जगत-कल्याण के लिए वासुकी नाग ने मथानी के रस्सी के रुप में कार्य किया था.