अख़बार और जर्नल उनके लेख से भरे रहते थे. एक दुर्घटना के बहाने ज़िंदगी उन्हें पर्दे के पीछे ले गई. ज़माने तक उनका लिखा पढ़ने को नहीं मिला. लोग भूलने लगे.
अख़बार और जर्नल उनके लेख से भरे रहते थे. एक दुर्घटना के बहाने ज़िंदगी उन्हें पर्दे के पीछे ले गई. ज़माने तक उनका लिखा पढ़ने को नहीं मिला. लोग भूलने लगे.