Madhavi Mishra
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कभी न भूलने वाला संगीत और भूले-बिसरे संगीतकार
- Saturday December 14, 2024
- माधवी मिश्र
अफ़सोस! ज़माना इन सभी को इनके बाद ढूंढता रहा है, लेकिन जो कुछ भी ये सभी गुणी लोग रच गए हैं, वह जीवन, समय और काल से परे है, अनमोल है, अमिट है. सदियों से ये गीत हमारे दिलों पर राज करते आए हैं और जैसा मैं हमेशा कहती हूं - जब तक मेरे और आपके जैसे रसिक श्रोता हैं, इन गीतों की मधुर ध्वनियां प्रतिध्वनित होती रहेंगी.
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बचपन, बाइस्कोप और भूली हुई आवाज़ें
- Tuesday September 10, 2024
- माधवी मिश्र
बचपन की सुंदरतम याद है मधुर संगीत. संगीत, मानो जीवन का सबसे अपरिहार्य हिस्सा, जिसके बिना रात रात नहीं थी, तवील रात थी. संगीत कैसा भी हो, मनोहारी ही होता है, मन को हरने वाला, मन को तारने वाला...
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महत्वाकांक्षाओं के बोझ तले मासूम बचपन...
- Tuesday July 5, 2022
- माधवी मिश्र
हम नब्बे के दशक के पले बढ़े लोगों को स्कूल की बहुत सुनहरी यादें हैं जहाँ शिक्षक का अर्थ था एक धीर गंभीर व्यक्तित्व जिसे अपने विषय का गूढ़ गहन ज्ञान हो. तब, शिक्षण सिर्फ एक पेशा नही था अपितु अपने अर्जित ज्ञान को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने का पुण्य कार्य भी था.
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केके: वे अपने गीतों के पर्दे में छुपे रहे
- Wednesday June 8, 2022
- माधवी मिश्र
एक स्तर पर केके मुझे जगजीत सिंह की याद दिलाते थे. जगजीत सिंह की जिस एक ख़ूबी को मैंने बहुत गहरे महसूस किया, वह किसी शब्द विशेष पर उनकी अद्भुत पकड़ थी- उनकी आवाज़ में उसके घुमावों के साथ बनने वाली एक सम्मोहक गूंज मिलती थी. जहाँ हम सोचते हैं कि यह शब्द यहां नि:शेष हो रहा है, चुक जा रहा है, वहीं उसे एक नया विस्तार देने वाला स्वर दैर्घ्य चला आता है, एक घुमाव जो गहनतम गाम्भीर्य और माधुर्य के अंतहीन विस्तार तक ले जाता है.
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कभी न भूलने वाला संगीत और भूले-बिसरे संगीतकार
- Saturday December 14, 2024
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अफ़सोस! ज़माना इन सभी को इनके बाद ढूंढता रहा है, लेकिन जो कुछ भी ये सभी गुणी लोग रच गए हैं, वह जीवन, समय और काल से परे है, अनमोल है, अमिट है. सदियों से ये गीत हमारे दिलों पर राज करते आए हैं और जैसा मैं हमेशा कहती हूं - जब तक मेरे और आपके जैसे रसिक श्रोता हैं, इन गीतों की मधुर ध्वनियां प्रतिध्वनित होती रहेंगी.
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बचपन, बाइस्कोप और भूली हुई आवाज़ें
- Tuesday September 10, 2024
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बचपन की सुंदरतम याद है मधुर संगीत. संगीत, मानो जीवन का सबसे अपरिहार्य हिस्सा, जिसके बिना रात रात नहीं थी, तवील रात थी. संगीत कैसा भी हो, मनोहारी ही होता है, मन को हरने वाला, मन को तारने वाला...
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- Tuesday July 5, 2022
- माधवी मिश्र
हम नब्बे के दशक के पले बढ़े लोगों को स्कूल की बहुत सुनहरी यादें हैं जहाँ शिक्षक का अर्थ था एक धीर गंभीर व्यक्तित्व जिसे अपने विषय का गूढ़ गहन ज्ञान हो. तब, शिक्षण सिर्फ एक पेशा नही था अपितु अपने अर्जित ज्ञान को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने का पुण्य कार्य भी था.
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केके: वे अपने गीतों के पर्दे में छुपे रहे
- Wednesday June 8, 2022
- माधवी मिश्र
एक स्तर पर केके मुझे जगजीत सिंह की याद दिलाते थे. जगजीत सिंह की जिस एक ख़ूबी को मैंने बहुत गहरे महसूस किया, वह किसी शब्द विशेष पर उनकी अद्भुत पकड़ थी- उनकी आवाज़ में उसके घुमावों के साथ बनने वाली एक सम्मोहक गूंज मिलती थी. जहाँ हम सोचते हैं कि यह शब्द यहां नि:शेष हो रहा है, चुक जा रहा है, वहीं उसे एक नया विस्तार देने वाला स्वर दैर्घ्य चला आता है, एक घुमाव जो गहनतम गाम्भीर्य और माधुर्य के अंतहीन विस्तार तक ले जाता है.
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