युद्ध की भाषा बोलना एक आसान काम होता है- नेताओं को ये कुछ ज़्यादा रास आता है। यह एक सरल देशभक्ति है जिसमें कुछ साबित नहीं करना पड़ता, कुछ दांव पर लगाना नहीं पड़ता।
युद्ध की भाषा बोलना एक आसान काम होता है- नेताओं को ये कुछ ज़्यादा रास आता है। यह एक सरल देशभक्ति है जिसमें कुछ साबित नहीं करना पड़ता, कुछ दांव पर लगाना नहीं पड़ता।