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Kunwar Bai

'Kunwar Bai' - 2 News Result(s)
  • बकरियां बेचकर शौचालय बनवाने वाली 'स्वच्छता दूत' कुंवर बाई का 106 साल की उम्र में निधन

    बकरियां बेचकर शौचालय बनवाने वाली 'स्वच्छता दूत' कुंवर बाई का 106 साल की उम्र में निधन

    छत्तीसगढ़ में 106 साल की स्वच्छता दूत कुंवर बाई का निधन हो गया. कुंवर बाई वही महिला थीं, जिन्होंने बकरियां बेचकर हुई आमदनी से अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया था. उनके इस कारनामे से पीएम मोदी इतने अधिक प्रभावित हुए थे कि उनका पैर भी छूआ था. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि राजधानी रायपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अम्बेडकर अस्पताल में उनका निधन हो गया. 

  • स्वच्छता दिवस पर एक अनूठे गुरु की याद

    स्वच्छता दिवस पर एक अनूठे गुरु की याद

    स्वच्छता की चेतना इन लोगों के दिमाग में इतने गहरे बैठ गई थी कि ग्रामीण हर चीज़ का इस्तेमाल पोंछकर और धोकर ही करते थे. यहां मुझे एक घटना याद आ रही है. वह गर्मी की भरी दुपहरी थी. मैं एक के यहां गया. मेरी खातिरदारी में पहले तो एक चमचमाती हुई प्लेट में लाकर गुड़ और पानी मुझे दिया गया. फिर पपीते की फांक मुझे परोसी गई. चौंकाने वाली बात यह थी कि पपीते की उन छिली हुई फांकों को भी धोकर परोसा गया था.

'Kunwar Bai' - 2 News Result(s)
  • बकरियां बेचकर शौचालय बनवाने वाली 'स्वच्छता दूत' कुंवर बाई का 106 साल की उम्र में निधन

    बकरियां बेचकर शौचालय बनवाने वाली 'स्वच्छता दूत' कुंवर बाई का 106 साल की उम्र में निधन

    छत्तीसगढ़ में 106 साल की स्वच्छता दूत कुंवर बाई का निधन हो गया. कुंवर बाई वही महिला थीं, जिन्होंने बकरियां बेचकर हुई आमदनी से अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया था. उनके इस कारनामे से पीएम मोदी इतने अधिक प्रभावित हुए थे कि उनका पैर भी छूआ था. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि राजधानी रायपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अम्बेडकर अस्पताल में उनका निधन हो गया. 

  • स्वच्छता दिवस पर एक अनूठे गुरु की याद

    स्वच्छता दिवस पर एक अनूठे गुरु की याद

    स्वच्छता की चेतना इन लोगों के दिमाग में इतने गहरे बैठ गई थी कि ग्रामीण हर चीज़ का इस्तेमाल पोंछकर और धोकर ही करते थे. यहां मुझे एक घटना याद आ रही है. वह गर्मी की भरी दुपहरी थी. मैं एक के यहां गया. मेरी खातिरदारी में पहले तो एक चमचमाती हुई प्लेट में लाकर गुड़ और पानी मुझे दिया गया. फिर पपीते की फांक मुझे परोसी गई. चौंकाने वाली बात यह थी कि पपीते की उन छिली हुई फांकों को भी धोकर परोसा गया था.