Kovind Pay Obeisance To Land Of Birth
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गांव पहुंचते ही भावुक हुए राष्ट्रपति कोविंद, झुककर जन्मभूमि को किया नमन, माथे पर लगाई माटी
- Sunday June 27, 2021
- Edited by: पवन पांडे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं. मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है". मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा, लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया.
- ndtv.in
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गांव पहुंचते ही भावुक हुए राष्ट्रपति कोविंद, झुककर जन्मभूमि को किया नमन, माथे पर लगाई माटी
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं. मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है". मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा, लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया.
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