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सुप्रीम कोर्ट में एक और संविधान पीठ का गठन, जस्टिस एस अब्दुल नजीर करेंगे पीठ की अगुआई
- Tuesday September 27, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अगुआई में एक संविधान पीठ का गठन किया गया है. इस संविधान पीठ के सामने भी पांच अहम मुद्दे विचारार्थ होंगे, जिसमें पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती देने का है.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
- Thursday September 27, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट में एक और संविधान पीठ का गठन, जस्टिस एस अब्दुल नजीर करेंगे पीठ की अगुआई
- Tuesday September 27, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अगुआई में एक संविधान पीठ का गठन किया गया है. इस संविधान पीठ के सामने भी पांच अहम मुद्दे विचारार्थ होंगे, जिसमें पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती देने का है.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
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सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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