Jain Muni Tarun Sagar Profile
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जानें क्यों जैन मुनि तरुण सागर की देह को डोली पर बिठाकर निकाली गई अंतिम यात्रा
- Tuesday February 12, 2019
- एनडीटीवी
पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. खासकर जैन मुनि की देह को लकड़ी की डोली पर बिठाकर अंतिम यात्रा निकाले जाने पर विमर्श चल रहा है, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है.
- ndtv.in
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Jain Muni Tarun Sagar: देश के कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले जैन मुनि तरुण सागर से जुड़ी 8 बातें
- Saturday September 1, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे जैन मुनि तरुण सागर (Jain Muni Tarun Sagar) का आज 51 साल की उम्र में निधन हो गया. दरअसल, जैन मुनि तुरुण सागर पिछले कुछ दिनों से पीलिया से पीड़ित थे, जिसकी वजह से उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था और उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली. दरअसल, मुनि तरुण सागर एक दिगंबर भिक्षु थे. तरुण सागर ने 'कड़वे प्रवचन' के नाम से एक बुक सीरीज स्टार्ट की थी, जिसके लिए वो काफी चर्चित रहे. क्योंकि वह अपने प्रवचन में अंधविश्वासों, मान्यताओं और गलत अभ्यासों की आलोचना किया करते थे.
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जानें क्यों जैन मुनि तरुण सागर की देह को डोली पर बिठाकर निकाली गई अंतिम यात्रा
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पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. खासकर जैन मुनि की देह को लकड़ी की डोली पर बिठाकर अंतिम यात्रा निकाले जाने पर विमर्श चल रहा है, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है.
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बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे जैन मुनि तरुण सागर (Jain Muni Tarun Sagar) का आज 51 साल की उम्र में निधन हो गया. दरअसल, जैन मुनि तुरुण सागर पिछले कुछ दिनों से पीलिया से पीड़ित थे, जिसकी वजह से उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था और उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली. दरअसल, मुनि तरुण सागर एक दिगंबर भिक्षु थे. तरुण सागर ने 'कड़वे प्रवचन' के नाम से एक बुक सीरीज स्टार्ट की थी, जिसके लिए वो काफी चर्चित रहे. क्योंकि वह अपने प्रवचन में अंधविश्वासों, मान्यताओं और गलत अभ्यासों की आलोचना किया करते थे.
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