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Indian Economy Slow Down

'Indian Economy Slow Down' - 2 News Result(s)
  • GOODBYE 2019: पूरे साल मंदी से जूझती रही मोदी सरकार, अब तक उठा चुकी है ये 7 कदम

    GOODBYE 2019: पूरे साल मंदी से जूझती रही मोदी सरकार, अब तक उठा चुकी है ये 7 कदम

    साल 2019 में जब मोदी सरकार प्रचंड बहुमत से आई तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को उबारने की खड़ी हो गई.आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है.  सरकार बनते ही मंदी की आहट शुरू हो गई. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार जारी गिरावट की खबरों की बीच ऑटो सेक्टर में जब यूनिटों में काम बंद होने की खबरें आने शुरू हुईं तो मीडिया ने भी इस पर ध्यान देना शुरू किया और सरकार के भी कान खड़े हो गए.वाहनों की बिक्री में गिरावट की वजह यह भी है कि सरकार बड़े जोर शोर से इलेक्ट्रिक वाहनों और बीएस-6 इंजन लाने का ऐलान कर रही थी.

  • ग्रामीण क्षेत्रों में मांग घटना चक्रीय नहीं, RBI ने सही आकलन नहीं किया : प्रणव सेन

    ग्रामीण क्षेत्रों में मांग घटना चक्रीय नहीं, RBI ने सही आकलन नहीं किया : प्रणव सेन

    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वृद्धि दर के आंकड़े आ चुके हैं। इस दौरान वृद्धि दर पिछले छह साल में सबसे कम पांच प्रतिशत रही है। यदि एक साल पहले के इसी तिमाही के आंकड़े से इसकी तुलना की जाए तो यह तीन प्रतिशत नीचे आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी.

'Indian Economy Slow Down' - 2 News Result(s)
  • GOODBYE 2019: पूरे साल मंदी से जूझती रही मोदी सरकार, अब तक उठा चुकी है ये 7 कदम

    GOODBYE 2019: पूरे साल मंदी से जूझती रही मोदी सरकार, अब तक उठा चुकी है ये 7 कदम

    साल 2019 में जब मोदी सरकार प्रचंड बहुमत से आई तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को उबारने की खड़ी हो गई.आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है.  सरकार बनते ही मंदी की आहट शुरू हो गई. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार जारी गिरावट की खबरों की बीच ऑटो सेक्टर में जब यूनिटों में काम बंद होने की खबरें आने शुरू हुईं तो मीडिया ने भी इस पर ध्यान देना शुरू किया और सरकार के भी कान खड़े हो गए.वाहनों की बिक्री में गिरावट की वजह यह भी है कि सरकार बड़े जोर शोर से इलेक्ट्रिक वाहनों और बीएस-6 इंजन लाने का ऐलान कर रही थी.

  • ग्रामीण क्षेत्रों में मांग घटना चक्रीय नहीं, RBI ने सही आकलन नहीं किया : प्रणव सेन

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    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वृद्धि दर के आंकड़े आ चुके हैं। इस दौरान वृद्धि दर पिछले छह साल में सबसे कम पांच प्रतिशत रही है। यदि एक साल पहले के इसी तिमाही के आंकड़े से इसकी तुलना की जाए तो यह तीन प्रतिशत नीचे आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी.