India Garment Industry
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कच्चे धागे की बढ़ती कीमतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में
- Saturday August 28, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
कोविड लॉकडाउन और अब कच्चे धागे और यार्न की बढ़ती कीमत के चलते भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में हैं. इस संकट के चलते इस साल भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग का निर्यात कम होकर 20 बिलियन डॉलर का रह गया है, वहीं बांग्लादेश का 35 बिलियन डालर का है. एक करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाला गारमेंट उद्योग मुश्किलों में है. दिक्कतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय बांग्लादेश, चीन और वियतनाम के मुकाबले पिछड़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में रेडीमेट गारमेंट बनाने की तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. लेकिन पहले कोविड की बंदिश और अब महंगे यार्न और कच्चे धागे ने रेडीमेड कपड़े के व्यवसाय की कमर तोड़ दी है.
- ndtv.in
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दीवाली से पहले गारमेंट और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में रौनक, बाजार में उतरे लोग, दिख रहे अच्छे संकेत
- Friday November 13, 2020
- Reported by: सोहित राकेश मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा
विशेषज्ञों की मानें, तो टेक्सटाइल क्षेत्र में हालात अगर इसी तरह बेहतर होते हैं तो इसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ेगा. खेती के बाद वस्त्र उद्योग रोज़गार का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. जीडीपी में 2.3 फीसदी योगदान वस्त्र उद्योग का है. इससे करोड़ों लोगों को रोज़गार मिलता है. बाज़ार में एक बार फिर से जहां मांग बढ़ती नज़र आ रही है.
- ndtv.in
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भारत के फलते-फूलते गारमेंट उद्योग में बहुत गहरे हैं महिलाओं के यौन उत्पीड़न के 'घाव'
- Friday July 8, 2016
- Translated by: विवेक रस्तोगी
इस उद्योग में महिलाओं की संख्या भले ही ज़्यादा है, लेकिन वे एक ऐसे माहौल में काम करती हैं, जहां उन्हें यौन संबंध बनाने के लिए लगातार मजबूर किया जाता है... उन्हें यौन प्रताड़ना, और यहां तक कि बलात्कार का भी सामना करना पड़ता है, ताकि वे नौकरी पा सकें, या अपनी नौकरी बचाए रख सकें...
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कच्चे धागे की बढ़ती कीमतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में
- Saturday August 28, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
कोविड लॉकडाउन और अब कच्चे धागे और यार्न की बढ़ती कीमत के चलते भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में हैं. इस संकट के चलते इस साल भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग का निर्यात कम होकर 20 बिलियन डॉलर का रह गया है, वहीं बांग्लादेश का 35 बिलियन डालर का है. एक करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाला गारमेंट उद्योग मुश्किलों में है. दिक्कतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय बांग्लादेश, चीन और वियतनाम के मुकाबले पिछड़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में रेडीमेट गारमेंट बनाने की तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. लेकिन पहले कोविड की बंदिश और अब महंगे यार्न और कच्चे धागे ने रेडीमेड कपड़े के व्यवसाय की कमर तोड़ दी है.
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दीवाली से पहले गारमेंट और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में रौनक, बाजार में उतरे लोग, दिख रहे अच्छे संकेत
- Friday November 13, 2020
- Reported by: सोहित राकेश मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा
विशेषज्ञों की मानें, तो टेक्सटाइल क्षेत्र में हालात अगर इसी तरह बेहतर होते हैं तो इसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ेगा. खेती के बाद वस्त्र उद्योग रोज़गार का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. जीडीपी में 2.3 फीसदी योगदान वस्त्र उद्योग का है. इससे करोड़ों लोगों को रोज़गार मिलता है. बाज़ार में एक बार फिर से जहां मांग बढ़ती नज़र आ रही है.
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भारत के फलते-फूलते गारमेंट उद्योग में बहुत गहरे हैं महिलाओं के यौन उत्पीड़न के 'घाव'
- Friday July 8, 2016
- Translated by: विवेक रस्तोगी
इस उद्योग में महिलाओं की संख्या भले ही ज़्यादा है, लेकिन वे एक ऐसे माहौल में काम करती हैं, जहां उन्हें यौन संबंध बनाने के लिए लगातार मजबूर किया जाता है... उन्हें यौन प्रताड़ना, और यहां तक कि बलात्कार का भी सामना करना पड़ता है, ताकि वे नौकरी पा सकें, या अपनी नौकरी बचाए रख सकें...
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