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Greater Noida Strays Story

'Greater Noida Strays Story' - 1 News Result(s)
  • लॉकडाउन में बेजुबानों का सहारा बनी ये टीम, 7 महीने से जानवरों को खिला रही खाना

    लॉकडाउन में बेजुबानों का सहारा बनी ये टीम, 7 महीने से जानवरों को खिला रही खाना

    ऐसा नज़ारा शायद आपने कम ही देखा हो. गाड़ी आते ही बंदर और कुत्ते उसकी ओर लपक पड़ते हैं. लोग उतरकर बंदर को प्रेम से केला देते हैं, कुत्ते को दूध पिलाते हैं, गाय को चारा खिलाते हैं. तालाब में बतख और मछली को ब्रेड का टुकड़ा देते हैं. ये सभी किसी के पालतू जानवर नहीं हैं. लॉकडाउन (Covid 19 Lockdown) में सब कुछ बंद हो गया तो इनके भूखे मरने की नौबत आ गई थी. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की एक टीम ने इस काम का बीड़ा उठाया है. टीम के सदस्य सरदार मंजीत सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से जीव-जन्तुओं को खाना नहीं मिलता था, इस वजह से वह हाइपर हो जाते थे. बच्चों को काट खाने दौड़ते थे, पर अब ऐसा नहीं है. अब खाकर ये शांत पड़े रहते हैं.

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  • लॉकडाउन में बेजुबानों का सहारा बनी ये टीम, 7 महीने से जानवरों को खिला रही खाना

    लॉकडाउन में बेजुबानों का सहारा बनी ये टीम, 7 महीने से जानवरों को खिला रही खाना

    ऐसा नज़ारा शायद आपने कम ही देखा हो. गाड़ी आते ही बंदर और कुत्ते उसकी ओर लपक पड़ते हैं. लोग उतरकर बंदर को प्रेम से केला देते हैं, कुत्ते को दूध पिलाते हैं, गाय को चारा खिलाते हैं. तालाब में बतख और मछली को ब्रेड का टुकड़ा देते हैं. ये सभी किसी के पालतू जानवर नहीं हैं. लॉकडाउन (Covid 19 Lockdown) में सब कुछ बंद हो गया तो इनके भूखे मरने की नौबत आ गई थी. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की एक टीम ने इस काम का बीड़ा उठाया है. टीम के सदस्य सरदार मंजीत सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से जीव-जन्तुओं को खाना नहीं मिलता था, इस वजह से वह हाइपर हो जाते थे. बच्चों को काट खाने दौड़ते थे, पर अब ऐसा नहीं है. अब खाकर ये शांत पड़े रहते हैं.